असम पुलिस ने जेहादियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है ताकि राज्य में इस्लामिक आतंकवादी संगठनों के बढ़ते खतरे को कम किया जा सके, जो ज्यादातर बांग्लादेश से संचालित होते हैं। पिछले कुछ हफ्तों में ग्वालपाड़ा, मोरीगांव, बरपेटा और बंगाईगांव जिलों में हुई कई गिरफ्तारियों ने इन संगठनों के संभावित खतरों के प्रति आशंकाओं को और बल दिया है। एक ताजा मामले में 29 अगस्त को विदेशी समूहों से जुड़े दो लोगों को पकड़ा गया था। गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या अब 37 हो गई है।
असम पुलिस ने इन जिलों में स्लीपर सेल का भंडाफोड़ करने के बाद विस्तृत जांच के लिए कुछ मामलों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने व्यक्तिगत रूप से स्थिति की गंभीरता पर मीडिया को संबोधित किया था।
डॉ. शर्मा ने मीडियो को बताया, मार्च के बाद से असम पुलिस, केंद्रीय एजेंसियों के इनपुट की सहायता से निचले असम के बरपेटा और बंगाईगांव जिलों में अभियान चला रही है। इन अभियानों से पता चला है कि छह बांग्लादेशी नागरिकों ने ‘युवाओं को बरगलाने’ के लिए राज्य में प्रवेश किया और उनमें से एक – मोहम्मद सुमन को उसी महीने बरपेटा से गिरफ्तार किया गया था, जबकि पांच फरार हैं।
पुलिस ने इसके साथ ही राज्य में बांग्लादेश स्थित इस्लामिक आतंकवादी संगठन, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के छह मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। इसने महत्वपूर्ण सूचनाओं को भी एक्सेस किया है और अल कायदा इंडियन सब-कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) और एबीटी जैसे संगठनों की गतिविधियों और योजनाओं को डिकोड किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुमन मदरसे में अरबी शिक्षक के वेश में रह रहा था और इमाम के तौर पर भी काम करता था। एक मुफ्ती मुस्तफा को 28 जुलाई को मोरीगांव जिले के मैराबाड़ी से गिरफ्तार किया गया था। वह एक मदरसा चलाता था, जहां बच्चों के दिमाग में ‘जिहादी’ विचारधारा भरा जाता था। मुख्यमंत्री ने मीडिया को यह भी बताया था कि मैराबाड़ी में उसका मदरसा 4 अगस्त को ध्वस्त कर दिया गया था क्योंकि इसका निर्माण ‘बिना अनुमति’ के किया गया था।
डॉ. शर्मा ने कहा, मैं सभी से सतर्क रहने और इन जेहादियों द्वारा पेश चुनौतियों पर काबू पाने में प्रशासन की मदद करने का आग्रह करता हूं। शांतिप्रिय मुस्लिम समूह पहले ही हमारे साथ हैं। मौजूदा हालात इन नकारात्मक ताकतों को हराने के लिए उच्च स्तर की सतर्कता की मांग करती है। इस बीच, ग्वालपाड़ा के पुलिस अधीक्षक वीवी राकेश रेड्डी ने असम वार्ता को बताया कि ग्वालपाड़ा जिले में पुलिस ने एक्यूआईएस और एबीटी से जुड़े होने के आरोप में दो इमामों को गिरफ्तार किया है।
रेड्डी ने कहा, हमें दो गिरफ्तार इमामों द्वारा अन्य जेहादियों को रसद पहुंचाने के सबूत मिले हैं। वे ग्वालपाड़ा में नये जेहादी स्लीपर सेल के लिए लोगों की भर्ती भी कर रहे थे और उन्हें एक्यूआईएस और एबीटी से लॉजिस्टिक सपोर्ट मिल रहा था। एसपी ने कहा कि एबीटी के सदस्य संवाद करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए पाए गए। वे शायद ही कभी कॉल के लिए अपने फोन का उपयोग करते थे। वे कई उपनामों का उपयोग करते हैं और उनका अलग-अलग विभाजित मॉड्यूल है।
उन्होंने कहा, इन दोनों का संबंध पहले बरपेटा और मोरीगांव जिलों में भंडाफोड़ किए गए जिहादी सेल से है। पूछताछ के दौरान हमें पता चला कि दोनों के पास अल कायदा से जुड़े साहित्य थे।
खतरे की आशंका के मद्देनजर असम के मुख्यमंत्री ने मीडिया को सूचित किया कि राज्य में आने वाले नये इमामों के लिए एक नया एसओपी लगाया जा रहा है। (बॉक्स देखें)