राज्य सरकार द्वारा सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) और सिडबी वेंचर कैपिटल के साथ सहमित पत्रों पर हस्ताक्षर करने का राज्य में उद्योग निकायों और उद्योगपतियों द्वारा स्वागत किया गया है। 19 सितंबर को गुवाहाटी में एक एमएसएमई सम्मेलन में सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए थे। फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स ऑफ नॉर्थ ईस्टर्न रीजन (फाइनर) के अध्यक्ष बजरंग लोहिया ने कहा कि सिडबी और सीजीटीएमएसई के साथ समझौता आने वाले दिनों में एमएसएमई क्षेत्र के लिए अनुकूल माहौल तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि ‘एमएसएमई और स्टार्ट अप्स’ को जमानत मुक्त अग्रिम राशि एक जीवंत उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए सबसे आवश्यक शर्तों में से एक है।
लोहिया ने कहा, योजना के तहत धन की उपलब्धता उद्योग की जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी। सिडबी वेंचर कैपिटल का फंड 200 करोड़ रुपये है। राज्य सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपये का योगदान दिया जाएगा। सिडबी द्वारा 50 करोड़ और शेष 50 करोड़ अन्य स्रोतों से आएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने इस दिन को असम के उद्योग क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक दिन करार दिया और उम्मीद जताई कि इससे राज्य में तेजी से औद्योगिकीकरण को बल मिलेगा। डॉ सरमा ने कहा कि सीजीटीएमएसई के साथ सहयोग का उद्देश्य असम में सूक्ष्म और लघु इकाइयों को ऋण देने वाली संस्थाओं द्वारा दिए गए ऋणों के लिए अतिरिक्त गारंटी कवरेज प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि ऋण की गारंटी कवरेज का 80% सीजीटीएमएसई द्वारा प्रदान किया जाएगा और शेष 20% राज्य सरकार द्वारा कवर किया जाएगा। सिडबी के अनुमान का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 100 करोड़ रुपये के कोष से 5000 करोड़ के पोर्टफोलियो निर्माण में मदद मिलेगी। जबकि राज्य सरकार से वार्षिक निधि की आवश्यकता अगले तीन वर्षों में लगभग 22 करोड़ से 26 करोड़ होगी।
उन्होंने कहा कि सिडबी वेंचर कैपिटल फंड (एसवीसीएल) प्रस्तावित असम स्टार्ट-अप वेंचर कैपिटल फंड के लिए निवेश प्रबंधक के तौर पर काम करेगा। एमओयू राज्य में एमएसएमई सहित स्टार्ट-अप के फूलने की सुविधा प्रदान करेगा।
डॉ. सरमा ने कहा कि राज्य में 66,000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 29 प्रतिशत का योगदान करती हैं। इन औद्योगिक इकाइयों में से 88% सूक्ष्म, 11.5% लघु और मध्यम उद्योग हैं। उन्होंने कहा कि 2016 से 2021 के बीच असम में 32,770 एमएसएमई स्थापित किए गए, जिनमें से 13,440 उद्यम उत्पादन क्षेत्र में हैं, जहां 1,30,294 युवाओं को रोजगार मिला है।
फाइनर के पूर्व अध्यक्ष आर एस जोशी ने कहा कि बिना जमानत और तीसरे पक्ष की गारंटी की परेशानी के बैंक ऋण की उपलब्धता पहली पीढ़ी के उद्यमियों को अपनी खुद की एक इकाई स्थापित करने के सपने को साकार करने की दिशा में मददगार साबित होगी। उन्होंने कहा, नवोदित उद्यमियों के लिए धन उपलब्ध कराने का कदम एमएसई उद्यमियों की एक प्रमुख चिंता का समाधान करता है। जोशी ने असम सरकार से समझौतों के क्रियान्वयन पर लगातार नजर रखने की अपील की। उन्होंने कहा, सिडबी के साथ समझौते को अक्षरश: लागू किया जाना चाहिए। यह राज्य में औद्योगीकरण के अगले स्तर के लिए आधार तैयार करेगा। निगरानी समय पर की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने असम प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज में आयोजित सम्मेलन में औपचारिक रूप से असम रसद और वेयर हाउसिंग नीति 2022 का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह नीति राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए असम को क्षेत्रीय रसद केंद्र बनाने की एक पहल है।
इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री बिमल बोरा, सिडबी के सीएमडी एस. रमन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव समीर कुमार सिन्हा भी मौजूद थे।