केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मादक पदार्थों की तस्करी एक सीमाहीन अपराध है और इससे निपटने के लिए सभी नशीली दवाओं के कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों और पूर्वोत्तर राज्यों के सीमावर्ती जिलों के बीच बेहतर समन्वय का आह्वान किया है। उन्होंने यह बात आठ अक्टूबर को गुवाहाटी में अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और इन राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के साथ ‘नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
बैठक में क्षेत्र में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के मौजूदा हालात और इसे कम करने के तरीकों पर चर्चा की गई। इसमें केंद्रीय गृह सचिव, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
शाह ने कहा कि नशीली दवाओं की तस्करी का प्रसार किसी भी समाज के लिए बहुत घातक है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, किसी भी आतंकवादी घटना से होने वाली क्षति सीमित होती है, लेकिन समाज में नशीली दवाओं का प्रसार पीढ़ियों को नष्ट कर देता है। एक दीमक की तरह यह हमारे समाज और देश की युवा शक्ति को खोखला कर देता है। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव में गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘ड्रग फ्री इंडिया’ के विजन को पूरा करने का पुरजोर संकल्प लिया है।
शाह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने नशीले पदार्थों की तस्करी के ‘डर्टी मनी’ और देश की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाले ‘संगठित माफिया’ के हर प्रयास को विफल करने के लिए शून्य सहिष्णुता (जीरो टॉलरेंस) की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय नशीले पदार्थों के खतरे को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।उनकी यात्रा के दौरान पूरे क्षेत्र में लगभग 40,000 किलोग्राम नशीली दवाओं को नष्ट कर दिया गया।
शाह ने कॉन्क्लेव स्थल से वर्चुअल माध्यम से ड्रग्स के विनाश को देखा। गुवाहाटी में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 11,000 किलोग्राम जब्त मादक पदार्थों को जला दिया, जबकि असम पुलिस ने लगभग 8,000 किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ को नष्ट कर दिया। केंद्रीय मंत्री ने मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने और सभी एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया। शाह ने कहा कि मादक पदार्थों के नेटवर्क को खत्म करने की रणनीति की सफलता कम समय में ही दिख रही है। 2014 के बाद से मादक पदार्थों की जब्ती से यह प्रमाणित होता है। उन्होंने कहा, 2006 से 2013 के बीच जहां 1.52 लाख किलो ड्रग्स जब्त किए गए वहीं, 2014-2022 के बीच यह दोगुना 3.30 लाख किलो जब्त किया गया।
गृह मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्रीय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य इस विषय पर केंद्र की गंभीरता को पूर्वोत्तर राज्यों के सामने रखना है। शाह ने कहा, हमें इस लड़ाई में राज्यों को एक साथ लाकर, नशीले पदार्थों से संबंधित सभी एजेंसियों को एक मंच लाना है। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश देना है कि अब देश ने इसकी जड़ तक जाने का मन बना लिया है, इस समस्या को हल करें।