असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निरंतर प्रयास के अनुरूप दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने 15 सितंबर को नई दिल्ली में गृहमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में अब तक की प्रगति पर विचार-विमर्श किया।
ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में गृहमंत्री ने दोनों मुख्यमंत्रियों को एक निश्चित समय सीमा में विवाद को सुलझाने के लिए एक रूपरेखा का सुझाव दिया।बैठक शुरू होने से पहले ही असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्वशर्मा ने लंबे समय से जारी इस विवाद के सौहार्दपूर्ण ढंग से समाधान के लिए प्रतिबद्धता जताई। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भी अपने ट्वीट में ऐसी ही भावना व्यक्त की। यह बैठक जुलाई में हस्ताक्षरित नामसाई घोषणा के अनुरूप थी।इससे पहले डॉ शर्मा ने इस उद्देश्य के लिए गठित क्षेत्रीय समितियों द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा की।
गौरतलब है कि नामसाई घोषणा में विवादित गांवों की संख्या 123 से घटाकर 86 करने का आह्वान किया गया था। डॉ शर्मा और उनके अरुणाचली समकक्ष ने जनवरी और अप्रैल में मुलाकात की और 123 गांवों के संयुक्त सत्यापन के लिए 12 क्षेत्रीय समितियों का गठन किया, जिनमें से प्रत्येक में अरुणाचल प्रदेश और असम के 12 जिले शामिल थे।इन समितियों को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, प्रशासनिक सुविधा, निकटता, और अंतरराज्यीय सीमा को चित्रित करने के लिए लोगों की इच्छा के आधार पर सिफारिशों के लिए अधिकार दिया गया था।
सीमा विवादों को सुलझाने की मानों अपनी दृढ़ता को साबित करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने इसी तर्ज पर नई दिल्ली स्थित असम भवन में मिजोरम के मुख्यमंत्री डॉ जोरामथंगा से भी मुलाकात की।