लोगों में पुस्तक पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए असम मंत्रिमंडल ने 2025 को ‘पढ़ने का वर्ष’ के रूप में मनाने को मंजूरी दी है। इस पहल का उद्देश्य पुस्तकें पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करना तथा लोगों को बौद्धिक विकास और व्यक्तिगत विकास में संलग्न करना है। इस पहल के तहत पहली बार गुवाहाटी के खानापाड़ा में ‘असम पुस्तक मेला’ का आयोजन किया गया। कैबिनेट की बैठक के निर्णय के अनुसार, चालू वर्ष के भीतर सभी जिलों में पुस्तक मेले आयोजित किए जाएंगे और नए साल के उपहार के रूप में किताबें देने की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने सोशल मीडिया पर कहा, “हमें असम में बौद्धिक माहौल बनाना है।” उन्होंने कहा, “2025 को पुस्तकों का वर्ष घोषित करने से पहले ही हमने अध्ययन के प्रति उन्मुख समाज की नींव रखने की कोशिश की थी। इसके लिए हमने 2024 में 1.5 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। असम में 2,597 पुस्तकालयों के निर्माण के लिए 259.70 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा, “2000 से अधिक ग्राम पंचायतों, 400 नगरपालिका वार्डों को कवर किया जाएगा।” उन्होंने कहा, “इस पहल से आधुनिक भवन, किताबें, फर्नीचर, कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्टिविटी आदि जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।” मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तक मेले का आयोजन करके ‘पढ़ने का वर्ष’ मनाया जाएगा और विभिन्न सरकारी कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। यह पहल असम की युवा पीढ़ी में किताबें खरीदने और पढ़ने की आदत डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।