18 जून, दिन सोमवार और दोपहर के 12:30 बजे, गुवाहाटी में नतुन शरणिया, गांधी बस्ती में रहने वाली 75 वर्षीया गायत्री दत्ता के कान चौखट पर किसी के दस्तक की बाट जोह रहे हैं। उनके घर कोई मेहमान नहीं बल्कि ईस्ट गुवाहाटी स्टेट डिस्पेंसरी से सरकारी स्वास्थ्य कर्मी दस्तक देगा और उन्हें टीका लगाएगा। असम भर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से हर किसी का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए हर घर दस्तक 2.0 अभियान चलाया जा रहा है।
गायत्री का इंतजार खत्म हुआ और दो एएनएम (सहायक नर्सिंग मिडवाइफरी) और एक आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) कार्यकर्ता वाली तीन सदस्यीय टीम उसके दरवाजे पहुंची। गायत्री की यह दूसरी खुराक है जबकि उनके परिवार के सभी सदस्यों को बूस्टर डोज पहले ही लग चुकी है।
हर घर दस्तक कार्यक्रम के तहत उनके घर वालों ने डिस्पेंसरी से संपर्क कर उनके लिए आज का समय पहले से बुक कर दिया था। गायत्री कहती हैं, ‘मैं आज सुरक्षित महसूस कर रही हूं। मुझे लगता है कि मुझे अब कोरोना नहीं होगा।
गायत्री को कोविड -19 की एहतियाती खुराक देने वाली एएनएम परबीन सुल्ताना कहती हैं, टीकाकरण को लेकर कई लोगों में कुछ झिझक अभी भी है लेकिन हर गुजरते दिन के साथ यह कम भी हो रही है। उन्होंने कहा, मैंने टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से लगभग आठ हजार खुराकें लोगों को लगाई हैं।
लगवाई। उत्तरा कहती हैं, ‘मैं अब दोगुना सुरक्षित हूं। मैं इस स्वास्थ्य अभियान को शुरू करने के
दो एएनएम के साथ गायत्री के घर पहुंचीं आशा नीलिमा देवी ने बताया, पहले चरण में वह लोगों को समझा बुझाकर टीका केंद्रों तक लाती थीं, लेकिन अब लोग खुद ब खुद आ जाते हैं। वह कहती हैं, चूंकि मेरे पास अपने क्षेत्र के लोगों का डाटा है, मैं यह अच्छी तरह जानती हूं कि किसकी उम्र 60 वर्ष से ऊपर है और अभी कौन कौन टीके की बूस्टर डोज लगवाने से रह गया है।
पूर्वी गुवाहाटी जन स्वास्थ्य केंद्र के एनएचएम की प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक रूपरेखा खटोनियार का कहना है कि हर घर दस्तक 2.0 टीकाकरण अभियान के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने शैक्षणिक संस्थानों में वैक्सीन कैंप का आयोजन किया है, वृद्ध लोगों के लिए घर-घर जाकर एहतियाती खुराक पिलाने के लिए विशेष अभियान चलाया है।
खाटोनियार बताती हैं कि 20 जून तक, हमने अपने अधिकार क्षेत्र में 92 सत्र पूरे कर लिए हैं। इन सेशन में हमें लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला। हमें किसी प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा। वह कहती हैं कि पीएचसी को 104 (असम सरकार की स्वास्थ्य हेल्पलाइन) फोन सेवा से बुजुर्गों के लिए कोविड वैक्सीन लगाने के कई अनुरोध भी मिले हैं।
चांदमारी के निजोरापार इलाके की रहने वाली उत्तरा वैश्य (64) ने एहतियात के तौर पर ईस्ट गुवाहाटी स्टेट डिस्पेंसरी से संपर्क किया। उन्होंने भी अपने घर बैठे ही टीके की बूस्टर डोज लिए राज्य सरकार को धन्यवाद देती हूं।
केंद्र सरकार की सभी पात्र लाभार्थियों को तेजी से उनके घर पर कोरोना का टीका लगाने के विशेष अभियान के तहत 27 जून को हर घर दस्तक 2.0 अभियान असम में पूरा हुआ। 27 जून तक दी गई खुराकों की संख्या 11.56 लाख और इसमें जितने घरों तक पहुंचा गया उसकी संख्या 1.90लाख थी। असम के चुनौतीपूर्ण मौसम के बावजूद यह आंकड़ा बड़ी सफलता है।
हर घर दस्तक 2.0 अभियान 12 साल और उससे अधिक उम्र के सभी पात्र लाभार्थियों का पूर्ण कोविड -19 टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए देश भर में 1 जून को शुरू हुआ। अभियान के तहत उन लोगों के टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा, जिन्होंने अभी तक टीकाकरण की अपनी दूसरी खुराक नहीं ली है और जो अपनी एहतियाती खुराक के लिए पात्र हैं।