डॉ. हिमंत विश्वशर्मा के नेतृत्व वाली सरकार अपनी तमाम लाभकारी योजनाओं के साथ यह भी सुनिश्चित करती है कि सार्वजनिक सेवाओं की सुचारू और दुविधा मुक्त डिलीवरी हो।
यही कारण है कि सरकार ने ई-गवर्नेंस की विविध पहलों को शुरू किया है, जिनमें से असम लोक सेवाओं का अधिकार (एआरटीपीएस) पोर्टल एक है।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 7 अक्तूबर 2021 को मुख्यमंत्री की उपस्थित में असम लोक सेवा अधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत स्थापित, एआराटीपीएस (ARTPS) पोर्टल को लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य एक तय समय सीमा में असम के लोगों को अधिसूचित सार्वजनिक सेवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करना है। राज्य सरकार की ‘नागरिक प्रथम’ की प्रतिबद्धता के तहत उठाया गया कदम है ताकि लोगों तक सेवाओं को पहुंचाया जा सके।
एआरटीपीएस पोर्टल के माध्यम से, नागरिक को विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं के बारे में सूचना मिलती है। वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और अपने आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं। यह पोर्टल नागरिकों को अधिसूचित सार्वजनिक सेवाओं के लिए नामित लोक सेवक (डीपीएस) तक पहुंच प्रदान करता है, जिससे वे एसएमएस के माध्यम से अपने आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं। ये सेवाएं प्राप्त नहीं होने की स्थिति में वे इसके जरिये नागरिक अपीलीय प्राधिकारी के पास अपील भी कर सकते हैं। इसमें अपीलीय प्राधिकारी के निर्णय से संतुष्ट नहीं होने की स्थिति में दूसरी अपील का भी प्रावधान है, जिसका जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
पहले चरण के दौरान, राज्य के लोगों के लिए सात विभागों को शामिल करते हुए 54 ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार किया गया है, जिनमें तीन स्वायत्त परिषदों जैसे बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर), दीमा हसाओ स्वायत्त क्षेत्रीय परिषद (डीएचएटीसी) और कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी)शामिल हैं। अब तक, इस पोर्टल पर 8,92,782 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 8,08,268 आवेदनों पर कार्यवाही हुई।