एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी अमिय मिश्रा और एक उद्योगपति दिलीप गोयनका कभी नहीं मिले हैं और उन्होंने एक-दूसरे के बारे में सुना भी नहीं है। हालांकि जल्द ही एक खास मिशन को लेकर उनके बीच एक सह संबंध स्थापित होगा और वो इस तरह से एक दूसरे के साथ आएंगे जिससे वो खुद ही बेखबर होंगे। मिश्रा के पास एक पुरानी आई10 कार है जो गोयनका के उस पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग फैसिलिटी में पहुंच सकती है जो जल्द ही शुरू होने वाली है। इस फैसिलिटी को असम सरकार की वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी 2022 के दिशानिर्देशों के आधार पर तैयार किया गया है और इसमें पहुंचने के बाद मिश्रा को स्क्रैप होने वाली कार का उपयुक्त मुआवजा भी दिया जाएगा।
इस पॉलिसी का उद्देश्य गैर-नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के कम उपयोग की वजह से यातायात में पैदा होने वाली भीड़ को और पर्यावरण प्रदूषण को कम करना है।
ये पॉलिसी कहती है कि – “पुराने वाहनों और गैर नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के निरंतर उपयोग ने यातायात समस्या और पर्यावरण प्रदूषण की समस्या बढ़ाने में अत्यधिक योगदान दिया है। इसके अलावा, गैर-वैज्ञानिक वाहन स्क्रैपेज तरीके श्रमिकों के लिए असुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों के साथ-साथ जल / वायु / मिट्टी प्रदूषण के माध्यम से पर्यावरणीय क्षति में योगदान करते हैं, ”
परिवहन मंत्री परिमल सुकलबैद्य ने असम वार्ता को बताया कि असम में कबाड़ नीति का अभाव लंबे समय से महसूस किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि – “यहां तक कि पहले अगर कोई वाहन मालिक चाहता कि उसका वाहन स्क्रैप किया जाए तो ऐसा करने का कोई औपचारिक तरीका नहीं था। अब वाहन मालिकों को उनके पुराने वाहनों की सही कीमत मिलेगी और वे प्रदूषण नियंत्रण और ईंधन संरक्षण में योगदान भी देंगे। इलेक्ट्रिक वाहन नीति के साथ यह नीति मौजूदा परिदृश्य को बदल देगी। वैज्ञानिक स्क्रैप से कई उद्योगों के लिए कच्चा माल तैयार होगा, जिसका अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”
असम में 15 साल से अधिक पुराने लगभग 10 लाख वाहन हैं, जिन्हें असम में एंड ऑफ लाइफ व्हीकल (ईएलवी) के रूप में भी जाना जाता है (जल्द ही शामिल होने वाला खंड)। अगले पांच वर्षों में इस सेगमेंट में 8 लाख वाहन और शामिल होंगे। नीति में कहा गया है कि बिना पंजीकरण प्रमाण पत्र, फिटनेस प्रमाण पत्र, सरकारी (सेगमेंट और डेटा शामिल किए जाने वाले), सार्वजनिक क्षेत्र, सरकारी एजेंसियों और स्वायत्त परिषद से संबंधित वाहन जो 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से स्क्रैप करना होगा। मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांस्पोर्ट एंड हाइवे (एमओआरटीएच) के अनुसार इसके अतिरिक्त टक्करों, आग, प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं में क्षतिग्रस्त वाहनों और स्क्रैपेज पॉलिसी 2022 की सूचीबद्ध श्रेणियों में आने वाले वाहनों को स्क्रैपिंग के लिए भेजा जाएगा। ये दिशानिर्देशों पूरे असम में लागू किए जाएंगे।
इस नीति के तहत भारी और मध्यम तथा हल्के वाहनों को स्वचालित परीक्षण स्टेशनों से फिटनेस सर्टिफिकेट लेना जरूरी होगा। भारी वाहनों के लिए यह समयसीमा 1 अप्रैल 2024 तथा मध्यम और हल्के वाहनों के लिए यह सीमा 1 जून 2023 होगी।
परिवहन विभाग के आयुक्त आदिल खान ने असम बार्ता को बताया कि, ” ये नीति प्रदूषण को रोकने के साथ-साथ सर्कुलर इकोनॉमी का मार्ग प्रशस्त करेगी। यदि कोई वाहन मालिक स्क्रैपिंग के लिए वाहन लाता है तो उसे निश्चित मूल्य के अलावा “जमा प्रमाणपत्र” भी मिलेगा। इससे उन्हें गैर-परिवहन और परिवहन वाहनों के लिए वीकल टैक्स में क्रमशः 25% और 15% की छूट और नए के लिए पंजीकरण शुल्क में पूर्ण छूट प्राप्त होगी।
मिसाल के तौर पर अगर कोई नया इलेक्ट्रिक वाहन लेता है तो उसे पुराने स्क्रैप किए गए वाहन पर मिले “जमा प्रमाणपत्र” पर हासिल हुई छूट उस छूट के अतिरिक्त होगी, जो असम की इलेक्ट्रिक वाहन नीति, 2021 के तहत खरीदार को मिलती है। मतलब इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर खरीदार को दोहरी छूट का फायदा मिलेगा।
परिवहन विभाग वाहन मालिकों के लिए स्वेच्छा से स्क्रैपिंग के लिए अपने वाहनों को छोड़ने के लिए ‘एकमुश्त निपटान’ योजना भी शुरू करेगा। उन्हें उनके एरियर या बकाया (यदि कोई हो) पर 75% तक की टैक्स छूट मिलेगी। “सभी तरह की गैर-वैज्ञानिक स्क्रैपिंग प्रथाओं को रोक दिया जाएगा। 15 साल से पुराने सरकारी वाहनों को अगले दिसंबर तक बंद कर दिया जाएगा।”
सब कुछ ठीक रहा तो गोयनका की रजिस्टर्ड वीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी (आरवीएसएफ) रंगिया में आ रही है। इस बीच, असम सरकार ने अपनी नीति के तहत उद्यमियों के लिए बिजली और जनरेटर की खरीद पर सब्सिडी, राज्य जीएसटी की 100% प्रतिपूर्ति आदि का वादा किया है।
गोयनका कहते हैं कि “मैं पंजीकृत वाहन स्क्रैप प्रतिष्ठानों को उद्योग का दर्जा देने के लिए मुख्यमंत्री को उनके दृष्टिकोण के लिए धन्यवाद देता हूं। प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय कबाड़ नीति की घोषणा के बाद हमने 3 सितंबर, 2021 को आरवीएसएफ की स्थापना के लिए असम सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।”
हालांकि, मिश्रा को अभी अपनी कार को स्क्रैप करने की कोई जल्दी नहीं है, लेकिन उनका कहना है कि जिस इरादे से स्क्रैप पॉलिसी को लेकर ये कदम उठाया गया है वो जरूर स्वागत योग्य है।