केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध और बांग्लादेश की आजादी में अहम योगदान के लिए महिला मुक्ति संग्राम सेनानियों, वीर नारियों और उनके परिवारों सहित 300 दिग्गजों को सम्मानित किया।
16 दिसंबर, 1971 को भारत ने लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैन्य और सरकारी अधिकारियों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करते हुए अपनी सबसे बड़ी और सबसे निर्णायक सैन्य जीत हासिल की। इसी के साथ 1971 का भारत-पाक युद्ध समाप्त हो गया, जो 3 दिसंबर को शुरू हुआ था। भारत की जीत एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसमें असम के लोगों ने मुक्ति वाहिनी की मदद और लोगों को आश्रय देकर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह कार्यक्रम केंद्र की ओर से राज्य के लोगों को एक सर्वथा उचित श्रद्धांजलि थी।
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने दिग्गजों को देश की महत्वपूर्ण धरोहर बताया जो हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं। पूर्व सैनिकों को सम्मानित करने के लिए असम सरकार की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह आयोजन न केवल सशस्त्र बलों के लिए, बल्कि देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए भी सम्मान की भावना को दर्शाता है।
इस अवसर पर रक्षामंत्री ने असम के राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी और मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा की उपस्थिति में एक पुस्तक ‘द ब्रेवहार्ट्स ऑफ 1971’ का विमोचन भी किया।