विश्व बैंक के दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मार्टिन रायसर, कंट्री डायरेक्टर-इंडिया अगस्टे टैनो कौमे के साथ अधिकारियों की एक टीम ने रणनीतिक राज्य साझेदारी का पता लगाने और मौजूदा जुड़ाव को मजबूत करने के लिए असम का दौरा किया।
विश्व बैंक का असम सरकार के साथ पिछले दो दशकों एक लंबा रिश्ता रहा है। असम में राज्य केंद्रित विशिष्ट परियोजनाओं के लिए इसकी परिवहन, सार्वजनिक वित्त प्रबंधन और नागरिक केंद्रित सेवाओं के क्षेत्र में करीब 349 मिलियन डॉलर की फंडिग है। असम को व्यापक विश्व बैंक समर्थित केंद्रीय और बहु राज्य परियोजनाएं जिनमें कृषि, उच्च शिक्षा, ग्रामीण आजीविका और ऊर्जा प्रणाली के विकास और जल विज्ञान शामिल हैं, के लिए भी फंड प्राप्त है। असम देश के उन पांच राज्यों में से है जिसके साथ विश्व बैंक का राज्य साझेदारी रूपरेखा है। बैंक डॉ. हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार की पहलों को भी सहयोग देने को उत्सुक है। एक आधिकारिक टिप्पणी में कहा गया है कि यह दौरा राज्य साझेदारी को गहरा करने के बैंक की इच्छा को दर्शाता है। खासकर ज्ञान के क्षेत्र में किस तरह बैंक असम के विकास में मदद कर सकता है, उसके विकास के विजन को सहयोग कर सकता है। यही नहीं, आपदा प्रबंधन को कैसे मजबूत किया जा सकता है और क्षेत्रीय सहयोग में असम की भूमिका में सहयोग कर सकता है।
मौजूदा समय में असम में विश्व बैंक के सहयोग से चार परियोजना चल रही है और पांच पाइपलाइन में हैं। ये सभी परियोजनाएं परिवहन, कृषि, बुनियादी ढांचा, संपर्क, स्वास्थ्य, नदी घाटी प्रबंधन, वित्तीय सुधार, नागरिक केंद्रित सेवाएं और संस्थागत सुधार के क्षेत्र में हैं।
फ्रीमा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, योजना के तहत, ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों का बेसिन प्रबंधन
और बराक नदियां जैसे बेकी, बूढ़ी दिहिंग, जियाढल, भोगदोई, सिंगला, जटिंगा,गाइनोदी, जियाभराली को लिया गया है। परियोजनाओं का सफल क्रियान्वयन से आने वाले वर्षों में असम को कटाव और बाढ़ की समस्याओं से उबरने में मदद मिलेगी। असम अंतर्देशीय जल परिवहन परियोजना के निदेशक
अंकुर जैन ने ने असम वार्ता को बताया कि टीम ने ब्रह्मपुत्र में पानी के बहाव और उससे उत्पन्न चुनौतियों का अध्ययन किया। टीम ने इसके साथ ही अंतर्देशीय परिवहन के विकास के साथ ही राज्य में नदी पर्यटन की संभावनाओं की पड़ताल की।
असम के दो दिवसीय दौरे पर राइसर और कौमे विश्व बैंक के सहयोग से संचालित परियोजनाओं का प्रत्यक्ष जायजा लिया। दोनों ने कामरूप जिले के रंगिया का दौरा किया और किसान उत्पादक संगठन असम एग्री बिजनेस एंड रूरल ट्रांसफॉरमेशन प्रोजेक्ट (एपीएआरटी) के सदस्यों से मुलाकात की। इस अपार्ट परियोजना के जरिये सरकार असम में किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास में है।
बैंक कृषि उत्पादकों को नई तकनीक, बाजार और वित्त तक पहुंचाने में मदद कर रहा है। इसके साथ ही निजी निवेश के लिए भी सुविधा प्रदान कर रह है। दोनों अधिकारियों ने लघु, छोटे एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योग में निजी निवेशकों से संवाद किया।
डॉन्ग वैली के निशांत हुसैन ने असम वार्ता से कहा, विश्व बैंक प्रतिनिधियों का हमारे परिसर में आना एक बड़ी बात है। उन्होंने कहा, वे हमसे अपार्ट के तहत राज्य सरकार से मिलने वाली सहायता के बारे में पूछताछ की। वे हमारी सफलता से बहुत खुश थे। डॉ शर्मा के साथ बैठक में विश्व बैंक के उपाध्यक्ष ने लगभग एक बिलियन डॉलर मूल्य की पाइपलाइन परियोजनाओं पर चर्चा की। ये परियोजनाएं वित्त मंत्रालय के अनुरोध पर असम की विकास की क्षमता को मजबूत करने के तहत हैं। इसके तहत पानी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ ही स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार करना है। इन प्रस्तावित परियोजनाओं मेंव्यापार और निवेश बढ़ाने का उद्देश्य, जलवायु परिवर्तन के झटकों से तेजी से लगातार निपटने में लचीलापन बरतने, कृषि विकास, पर्यटन,रसद और रोजगार क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देना प्रमुख है।
राइसर ने असम के मुख्यमंत्री से कहा कि 450 मिलियन डॉलर की परियोजना बैंक बोर्ड के कार्यकारी निदेशकों के समक्ष जून 2023 में पेश किया जाएगा। उन्होंने इसके साथ ही राज्य में सतत बाढ़ प्रबंधन और ब्रह्मपुत्र की आर्थिक क्षमता के दोहन के उपायों पर मदद की प्रतिबद्धता जताई।
डॉ शर्मा ने एस्पायर परियोजना के तहत बहुपक्षीय ऋण संस्थाओं द्वारा सहायता प्राप्त राज्य खरीद पोर्टल (एसपीपीपी) लॉन्च किया। असम देश का दूसरा राज्यहै जो एसपीपीपी शुरू करने जा रहा है और देश में चौथा राज्य है जो खरीद अधिनियम लागू करेगा। असम की एसपीपीपी विभागों, बोली लगाने वालों और जनता सभी के लिए सच्चाई का एकमात्र स्रोत होगी। यह एकल केंद्रीकृत मंच होगा जिसके माध्यम से जनता सरकारी खरीद के साथ ही सभी विभागों के कार्यों और सेवाओं के बारे में जान पाएगी।इसके माध्यम से राज्य सरकार या किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम की सेवाओं के बारे में पारदर्शी और जवाबदेही तरीके से जान पाएंगे। यह एकल खिड़की एनआईसी के सहयोग से विकसित किया गया है। इसमें जल्द ही शिकायतों के निपटारे और सुझावों के लिए सुविधा प्रदान की जाएगी।