मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि वर्तमान का असम पूर्व के मुकाबले एक परिवर्तित राज्य है। उन्होंने अपने गणतंत्र दिवस भाषण में राज्य की वित्तीय स्थिरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2022 में पहली बार राज्य सरकार अपने राजस्व से कर्मचारियों को वेतन देने में सफल रही। सीएम ने 74 वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में खानापाड़ा के वेटरनरी कॉलेज खेल के मैदान में कहा, पिछले वित्तीय वर्ष की तरह, अगले वित्तीय वर्ष में भी हमारा कुल व्यय एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने कई मोर्चों पर तेजी से प्रगति की है। कभी एक अशांत क्षेत्र माने जाने वाले असम को आज अक्सर सबसे शांतिपूर्ण भौगोलिक और राजनीतिक क्षेत्रों में से एक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने युवाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए राज्य के अगले बजट में 3,000 करोड़ रुपये स्वरोजगार के लिए घोषणा की। उन्होंने यह भी दोहराया कि यह राज्य में युवाओं को एक लाख सरकारी नौकरियां प्रदान करने के अपने लक्ष्य को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि अब से, 31 मार्च को उपेंद्रनाथ ब्रह्म की स्मृति में असम में ‘छात्र दिवस’ के रूप में चिह्नित किया जाएगा, जो ‘बोडोफा’ के रूप में लोकप्रिय हैं।

डॉ. शर्मा ने इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस पर राज्य खेल नीति की जानकारी दी। उन्होंने कहा, हम 2023 में प्रत्येक राजस्व गांव को कवर करते हुए एक खेल उत्सव आयोजित करेंगे। खेल उत्सवों में लगभग 25,000 राजस्व गांव शामिल होंगे। यह क्रीड़ा महोत्सव राज्य की राजधानी में संपन्न होगा। यह राज्य में आयोजित होने वाला सबसे बड़ा खेल महोत्सव होगा। उन्होंने विद्रोही उल्फा (आई) से मुख्यधारा में लौटने का आग्रह किया, जो असम को ‘शांति के द्वीप’ में बदलने की सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने गैंडे के अवैध शिकार के मोर्चे पर सफलता और राज्य भर में अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई, विशेष रूप से ‘सत्रों’ (विद्या के वैष्णव मठ केंद्र) और वन क्षेत्रों पर भी बात की।
हम 2023 में प्रत्येक राजस्व गांव को कवर करते हुए एक खेल उत्सव आयोजित करेंगे। खेल उत्सवों में लगभग 25,000 राजस्व गांव शामिल होंगे। यह क्रीड़ा महोत्सव राज्य की राजधानी में संपन्न होगा। यह राज्य में आयोजित होने वाला सबसे बड़ा खेल महोत्सव होगा।
डॉ. शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत का उत्सव मनाएगी और राज्य को वैश्विक मानचित्र पर प्रमुखता से स्थापित करने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। दुनिया के सामने राज्य की समृद्ध संस्कृति को पेश करने के लिए 14 अप्रैल को असमिया नव वर्ष के मौके पर एक विशाल आयोजन की योजना है। उन्होंने कहा, “10,000-15,000 ‘धुलिया’ (ढोल वादक) और ‘नचोनिस’ (नर्तक) कहीं भी बिहू प्रदर्शन के लिए इकट्ठा होंगे, जिसका लक्ष्य गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में प्रवेश करना है। उनके भाषण में विश्व धरोहर स्थल के रूप में चराइदेव मैदाम के हालिया नामांकन और विश्व स्तरीय धार्मिक-पर्यटन स्थल में ‘बटद्रवा थान’ के तेजी से परिवर्तन और शिवसागर में ऐतिहासिक रंग घर के आसपास के क्षेत्रों के पुनर्विकास को भी शामिल किया गया। डॉ शर्मा ने वाराणसी में काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर में कॉरिडोर बनाने के लिए 300 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की।
उन्होंने आगामी “स्वास्थ्य सेवा उत्सव” के बारे में बात की जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम छोर तक ले जाना है। डॉ शर्मा ने कहा, गुनोत्सव के अनुरूप, सरकारी अधिकारी नीति के तहत सरकारी अस्पतालों का दौरा करेगें और गुणात्मक मापदंडों का मूल्यांकन करेंगे।
