फरवरी में असम के विकास परिदृश्य में दो महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं, वे थीं प्रधानमंत्री की राज्य की यात्रा और वित्त मंत्री अजंता नियोग द्वारा प्रस्तुत भविष्योन्मुखी बजट, जिसमें राज्य में विकासोन्मुख दृष्टिकोण की बात की गई थी।
जबकि प्रधानमंत्री ने 11,600 करोड़ रुपये की योजनाएं शुरू कीं, जिसका राज्य और इसकी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा, वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट महिलाओं, उद्यमियों, हरित ऊर्जा को सशक्त बनाने और आने वाले समय में बुनियादी ढांचे के खर्च या पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
बीते वर्षों में सरकार को जीएसटी और उत्पाद शुल्क से राजस्व में उछाल के साथ-साथ अधिकांश भारतीय राज्यों की कठिन वित्तीय स्थिति से निपटने में मदद मिली है। पूंजीगत व्यय में प्रभावशाली वृद्धि हमेशा किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए एक स्वस्थ संकेत है। यहीं पर असम ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। इस मद पर खर्च, जो 2022-2023 में 16,000 करोड़ रुपये था, आने वाले वित्तीय वर्ष में 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। इसका मतलब है उस राज्य में रोजगार के अवसरों का सृजन, जहां बेरोजगारी का आंकड़ा गर्व करने लायक नहीं है। एक लंबी कहानी को संक्षेप में कहें तो, सरकार द्वारा सत्ता में आने पर किए गए सफल सुधार उपायों के कारण हासिल की गई विकास गति संभव हो पाई है, जिसके परिणाम अब सामने आ रहे हैं। उम्मीद है कि सरकार जरूरतमंदों को राजकोषीय सहायता और जहां आवश्यक हो सुधार उपायों के बीच कड़ी राह पर चलना जारी रखेगी।