देश की पहली नागरिक 6 अप्रैल को बोकाखात पहुंची, जहां राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्व शर्मा, राज्य के वरिष्ठ मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। अपने दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति ने केएनपी में गज उत्सव-2023 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने प्रकृति और मानवता के बीच एक पवित्र संबंध के बारे में बात की। उन्होंने कहा, प्रकृति का सम्मान करने की संस्कृति हमारे देश की पहचान रही है। भारत में प्रकृति और संस्कृति एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं और एक-दूसरे से पोषण प्राप्त करती रही हैं। हमारी परंपरा में हाथियों को सबसे अधिक सम्मान दिया गया है। इसे समृद्धि का प्रतीक माना गया है। यह भारत का राष्ट्रीय धरोहर पशु है। इसलिए, हाथियों की रक्षा हमारी राष्ट्रीय विरासत को संरक्षित करने की हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
मुर्मू ने कहा कि जो कार्य प्रकृति, पशु-पक्षियों के हित में हैं, वही मानवता और धरती माता के हित में भी हैं। राष्ट्रपति का विचार था कि बहुत बुद्धिमान और संवेदनशील माने जाने वाले हाथी भी इंसानों की तरह सामाजिक प्राणी होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रजातियां मनुष्यों के समान सहानुभूति और सम्मान की भावना की पात्र हैं। उन्होंने कहा कि मानव जाति पशु-पक्षियों से निःस्वार्थ प्रेम की भावना सीख सकती है। राष्ट्रपति ने कहा कि ‘मानव-हाथी संघर्ष’ सदियों से एक मुद्दा रहा है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आवास या हाथियों की आवाजाही में बाधाएं इस तरह के संघर्षों का मूल कारण हैं। उन्होंने कहा कि हाथियों की रक्षा करना, उनके प्राकृतिक आवासों का संरक्षण करना और हाथियों के गलियारों को बाधा से मुक्त रखना प्रोजेक्ट एलिफेंट के मुख्य उद्देश्य हैं।
अपने भाषण के दौरान, उन्होंने कहा कि असम में देश में जंगली हाथियों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। उन्होंने काजीरंगा को गज उत्सव के आयोजन के लिए एक उपयुक्त स्थान बताया। उसी दिन शाम को उन्होंने गौहाटी हाई कोर्ट के 75वर्ष पूर्ति कार्यक्रम में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए बनाया गया एक मोबाइल ऐप ‘भोरोसा’ लॉन्च किया। सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि गौहाटी हाईकोर्ट भारत के न्यायिक परिदृश्य में एक अद्वितीय स्थान रखता है। उन्होंने कहा, 1948 में इसकी स्थापना के बाद इसका छह दशकों से अधिक समय तक सात राज्यों पर अधिकार क्षेत्र था और अभी भी चार राज्यों पर अधिकार क्षेत्र है। इसने प्रमुख कानूनी दिग्गजों को तैयार करके अपनी एक अलग पहचान बनाई है और कई ऐतिहासिक फैसलों के लिए ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि गौहाटी उच्च न्यायालय आने वाले वर्षों में भी इसी तरह लोगों की सेवा करता रहेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र संभवतः इस बात का सबसे अच्छा उदाहरण है कि ऐतिहासिक रूप से किस तरह विभिन्न समुदाय एक साथ रहते आए हैं। इसके परिणामस्वरूप इसमें समृद्ध जातीय और भाषाई विविधता है। ऐसे क्षेत्र में संस्थानों को बहुत अधिक संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की आवश्यकता होती है, क्योंकि भिन्न-भिन्न परंपराएं और कानून क्षेत्र के लोगों के जीवन को नियंत्रित करते हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि अलग-अलग क्षेत्रों में लागू कानून अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन पूरे क्षेत्र को एक सामान्य उच्च न्यायालय द्वारा प्रशासित किया जाता है। उन्होंने अपनी संतुष्टि व्यक्त की कि गौहाटी उच्च न्यायालय ने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत कुछ राज्यों में प्रचलित प्रथागत कानूनों को बनाए रखना जारी रखा है। राष्ट्रपति ने कहा कि परिभाषा के अनुसार न्याय समावेशी होना चाहिए और इस प्रकार सभी के लिए सुलभ होना चाहिए।
एक ऐतिहासिक उड़ान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य के अपने तीन दिवसीय दौरे के समापन के दिन तेजपुर वायु सेना स्टेशन में सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान में ऐतिहासिक उड़ान भरी। राष्ट्रपति, जो भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर हैं, ने वायु सेना स्टेशन लौटने से पहले हिमालय के दृश्य के साथ ब्रह्मपुत्र और तेजपुर घाटी को कवर करते हुए लगभग 30 मिनट तक उड़ान भरी। विमान को 106 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन नवीन कुमार ने उड़ाया था। विमान ने समुद्र तल से करीब दो किलोमीटर की ऊंचाई पर और करीब 800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी। राष्ट्रपति मुर्मू इस तरह की उड़ान भरने वाली तीसरी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। बाद में आगंतुक पुस्तिका में राष्ट्रपति ने एक संक्षिप्त नोट लिखकर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया, जिसमें उन्होंने कहा, भारतीय वायु सेना के शक्तिशाली सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरना मेरे लिए एक उत्साहजनक अनुभव था। मुझे गर्व है कि भारत की रक्षा क्षमताओं ने भूमि, वायु और समुद्र की सभी सीमाओं को कवर करने के लिए अत्यधिक विस्तार किया है। मैं इस सॉर्टी के आयोजन के लिए भारतीय वायु सेना और तेजपुर वायु सेना स्टेशन की पूरी टीम को बधाई देती हूं।