गुवाहाटी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि कार्बी युवा महोत्सव विभिन्न समुदायों की विविधता का जश्न मनाते हुए कार्बी समुदाय की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का एक अवसर है। उन्होंने कहा, इस त्योहार ने हमें अतीत की दर्दनाक यादों से मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और हमें उत्साह और नए जोश के साथ प्रगति के पथ पर आगे बढ़ने में मदद की है। उन्होंने 17 जून को कार्बी युवा महोत्सव के स्वर्ण जयंती समारोह में अपने वर्चुअल संबोधन में ये बातें कहीं। वह कार्बी आंगलोंग जिले के मुख्यालय डिफू के तारालांगशू में खराब मौसम की की वजह से व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हो सकीं।
देश की प्रथम नागरिक ने अपने भाषण में कहा कि यह महोत्सव, जो वर्ष 1974 में शुरू हुआ और हर साल आयोजित किया जाता है, अब न केवल असम बल्कि पूरे देश के सांस्कृतिक कैलेंडर में एक बहुत ही अनोखे और महत्वपूर्ण कार्यक्रम के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। उन्होंने लुप्तप्राय जनजातियों की कला और परंपरा को संरक्षित करने में कार्बी समाज के निरंतर प्रयासों की सराहना की। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उन्हें बताया गया कि तारलांगशु में कार्बी युवा महोत्सव पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी तरह का सबसे बड़ा आयोजन है। उन्होंने कहा, मेरे विचार में, कार्बी आंगलोंग युवा महोत्सव भी भारत के स्वर्णिम काल का त्योहार है। राष्ट्रपति ने कहा, इन त्योहारों के माध्यम से ही वहां के लोगों, खासकर युवाओं की अंतर्निहित प्रतिभा को कलात्मक अभिव्यक्ति का मंच मिलता है।
राष्ट्रपति मुर्मू को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि लगभग 5,000 युवा प्रतिभाओं ने इस महोत्सव में आयोजित प्रतियोगिताओं और गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने कहा, वहां मौजूद लड़के और लड़कियां अपनी प्रतिभा और प्रयासों से असम, पूर्वोत्तर और देश की प्रगति में बहुमूल्य योगदान देंगे। उन्होंने कहा, मैंने अपने जीवन में आदिवासी पहचान और विरासत के महत्व का अनुभव किया है। ऐसे उत्सव विविधता को प्रदर्शित करते हैं और उसे मजबूत करते हैं। मैं यहां उपस्थित विभिन्न आदिवासी समुदायों के सभी बेटे-बेटियों को विशेष रूप से बधाई देती हूं, अपना आशीर्वाद देती हूं। मेरा मानना है कि अगर युवा पीढ़ी सही दिशा में आगे बढ़ती है, तो तेजी से समग्र प्रगति होगी। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि क्षेत्र के युवा मुख्यधारा के समग्र विकास और प्रगति में योगदान देने के लिए उत्सुक और तैयार हैं।
राष्ट्रपति ने असम सरकार और कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) की ओर से दिव्य गुरु रंगसीना सर्पो, कार्बी लोक संगीतकार थोंग नोकबे के साथ तारलांगशु सांस्कृतिक में काजिर रोंगहांगपी की प्रतिमाओं की स्थापना के लिए सराहना की। उन्होंने कहा, ऐसी महान हस्तियों का सम्मान करके आप अपनी परंपराओं को संरक्षित और समृद्ध कर रहे हैं।
