मैं, असम के लोगों की ओर से भारत की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने पिछले सप्ताह देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। वह सादगी और शालीनता की प्रतिमूर्ति हैं। असम के एक चाय बागान की उनकी यात्रा ने हमें यह समझने के लिए पर्याप्त कारण दिए हैं कि वह आम जनता की राष्ट्रपति होंगी। राष्ट्रपति चुनाव से पहले हमारे राज्य के दौरे के दौरान उनके साथ बातचीत करना मेरा और मेरे कैबिनेट सहयोगियों का सम्मान था। मुझे विश्वास है कि वह देश के मान-सम्मान को नई ऊंचाई पर ले जाएंगी।
जहां तक सवाल असम में बाढ़ के दूसरे दौर के नुकसान का है, हम जल्द ही इसका आकलन करने में सक्षम होंगे। आजीविका के साथ मकान तो बनते हैं, लेकिन जान गई तो उसकी भरपाई संभव नहीं। मेरी सरकार जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने पर केंद्रित है। मैंने अभिभावक मंत्रियों और अधिकारियों के लिए एक विस्तृत कार्य योजना बनाई है, जिसमें हम आजीविका सहित बाढ़ में क्षतिग्रस्त या नष्ट हर चीज को फिर से बहाल करना चाहते हैं। जो दिख रहा है आंकड़े उससे कहीं अधिक गंभीर तस्वीर पेश कर रहे हैं। किसानों, व्यापारियों, छात्रों, महिलाओं, बच्चों और सभी वर्गों के लोगों ने बड़े पैमाने पर दर्द झेला हैं। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि असम सरकार दर्द को कम करने में जुट गई है। मैं उन सभी लोगों के प्रति आभारी हूं जो अभी भी राहत उपायों में सहायता के लिए अपने तरीके से योगदान देने के लिए आगे आ रहे हैं। यह लोगों की भावना है जो सरकार को चलाती है।
पिछले महीने, हम जागीरोड और कछार के पंचरत्न में हिंदुस्तान पेपर मिल्स के कर्मचारियों व उनके परिवार के सदस्यों को मुआवजा प्रदान करने के अपने वादे को पूरा करने में सक्षम हुए। यह मेरे लिए, एक महत्वपूर्ण अवसर था। मुझे उम्मीद है कि पैकेज मिलों के बंद होने के बाद पुनर्वास के लिए जद्दोजहद कर रहे कर्मचारियों की मदद करेगा। उनमें से कुछ, निश्चित रूप से, किसी न किसी क्षमता में सरकार का हिस्सा होंगे, जबकि अन्य अपने जीवन का पुनर्निर्माण करने का प्रयास करेंगे। मिल बंद होने के बाद से सौ से अधिक लोगों की जान जाने से मैं दुखी हूं। हम निजी कंपनियों की सहायता करके कछार में एक पेपर मिल की स्थापना के इच्छुक हैं, जबकि हम विभिन्न कारणों से अपनी प्रशासनिक राजधानी को जागीरोड तक विस्तारित करने का इरादा रखते हैं, जिसका विस्तार मैं बाद में करूंगा। इसके अलावा, हमारी योजना गुवाहाटी और जागीरोड को जोड़ने वाला आठ लेन का राजमार्ग बनाने की है जिसका लाभ सभी को देखने को मिलेगा। अर्थव्यवस्था का पहिया चलाने के लिए पूर्वोत्तर भारत में सरकारी खर्च बहुत जरूरी है। जब तक यहां प्रमुख औद्योगिक परियोजनाएं और सेवा उद्योग स्थापित नहीं हो जाते, तब तक सरकार को बुनियादी ढांचे में निवेश करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। इसका सीधा असर रोजगार सृजन और उत्पादकता पर पड़ेगा। जागीरोड तक अपनी प्रशासनिक पहुंच का विस्तार करने का हमारा विचार उसी उद्देश्य के लिए तैयार है। साथ ही हम राज्य में निवेश के अवसरों को सुगम बनाना जारी रखेंगे।
सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री थरमन षणमुगरत्नम की हाल की गुवाहाटी यात्रा हमारे राज्य में विदेशी और घरेलू कंपनियों को आकर्षित करने का एक और प्रयास था। मुझे उम्मीद है कि सिंगापुर का प्रतिनिधिमंडल असम में निवेश को सुविधाजनक बनाने के नियोजित दृष्टिकोण के साथ वापस चला गया है जो हमारे युवाओं के लिए उद्यमशीलता और सार्थक रोजगार का एक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करेगा। जब से हमें लोगों द्वारा शासन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, मेरी सरकार हमारे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रही है। हम जानते हैं कि सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अंतहीन अवसर पैदा करने की सीमाएं हैं, लेकिन निजी क्षेत्र ऐसी बाधाओं से बंधा नहीं है, बशर्ते कि तत्कालीन सरकार उनके लिए एक सक्षम माहौल तैयार करे। मैं उन्हें आश्वस्त कर सकता हूं कि हम ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मैं अपने पड़ोसी अरुणाचल प्रदेश के साथ सीमा वार्ता के सकारात्मक परिणाम से भी खुश हूं। सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए नामसाई घोषणा इतिहास, भूगोल और राजनीति के रिसते घाव को भरने के हमारी इच्छा और ईमानदारी की घोषणा है। हम सभी जानते हैं कि हम अपनी सीमाओं का चयन नहीं कर सकते हैं लेकिन हम निश्चित रूप से अपने पड़ोसियों के साथ सौहार्द बनाए रखने के अपने ज्ञान का प्रयोग कर सकते हैं। मेघालय, नागालैंड और मिजोरम के साथ व्यवहार करते समय हमारी सरकार इसी सिद्धांत के साथ काम करती है। जब भी हम अपने पड़ोसियों के साथ विवादों पर बातचीत करते हैं, तो लोगों की इच्छा और ऐतिहासिक वास्तविकताओं का सम्मान करना हमारे लिए दो प्रमुख विचार हैं। मैं असम के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि हम उनके और राज्य के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे।