जब कोई यह महसूस करता है कि उसका किया वादा पूरा होने की ओर बढ़ रहा है तो इसे शब्दो मे व्यक्त करना सहज नहीं। इस बच्चे जैसी भावना का वर्णन अति कठिन पर अभिभूत करने वाला है। जैसा की एक साल पहले हमारे चुनावी घोषणा पत्र में उल्लेखित एक लाख नियुक्तियों के वादे को पूरा करने का काम अति व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ रहा है। जब हमारी सरकार ने १४ मई को असम के युवाओं को लगभग २३००० नियुक्ति पत्र जारी किए तो वह हमारे लिए एक उल्लेखनीय क्षण था। हम इस पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया से यह आशा करते है कि नवनियुक्त युवा इस राज्य के लोगों के प्रति पूरे समर्पण और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। हम यही नहीं रुकेंगे बल्कि आगामी कुछ महीनों में ३४००० से अधिक नौकरियां देने की व्यवस्था करेंगे। मैं अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए आश्वस्त करता हूं कि यह सभी नियुक्तियां ईमानदारी एवं पारदर्शिता की नींव पर की जायेंगी।
हमारा उद्देश्य ऐसे संस्थानों का निर्माण करना है जो हमारे युवाओं की असीमित क्षमता को एक निश्चित गति देगा और उन्हें आत्म – प्रेरित होने के लिए प्रशिक्षित करेगा। इन सुविचारों के साथ ही हमने मानव संसाधन के क्षेत्र में भारी निवेश के माध्यम से राज्य के सभी आई टी आई और पॉलीटेक्निक संस्थानों के उन्नयन हेतु देश के अग्रणी संस्थान टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इससे एक ऐसी प्रक्रिया की शुरुआत होगी जो असम में तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा के रूप को बदल सकती है। हम यह भी सुनिश्चित करना चाहते है कि इन आई टी आई द्वारा कुशल हो चुके हमारे युवाओं के लिए न केवल रोजगार सृजित हो बल्कि वे अपने अपने कार्यों का अर्थ भी खोजें।
गुणोत्सव से भी हमे ऐसी ही उम्मीदें है। हमने एक व्यापक प्रणाली के माध्यम से अपनी शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता का सार्थक मूल्यांकन करने हेतु यह कदम उठाया है।
हमें पता हैं कि गुणोत्सव अभी भी अपने शुरुआती चरण में है, लेकिन यह मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमने जो बीज बोया है वह एक दिन फलों से भरा वृक्ष बनने की क्षमता रखता है। अगले ४ जून के बाद जब में समग्र प्रक्रिया का जायजा लूंगा, तो मुझे विश्वास हैं की तब तक हम असम के ४६००० से अधिक स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे ४२ लाख से अधिक छात्रों के जीवन में कुछ बदलाव लाने में सक्षम होंगे। सन २०१७ में शुरू किए गए इस कदम ने सभी स्तरों पर, सरकारी प्रशासन, स्कूल अधिकारियों, छात्रों और नागरिक समाज के सामूहिक एवं समर्पित प्रयासों के कारण एक विशेष स्थान प्राप्त किया है। इस बार कुछ प्राकृतिक चुनौतियों की वजह से इसके संचालन में बाधा तो आई परन्तु इससे अब तक जमीनी स्तर पर हुए लाभ पर कुछ भारी प्रभाव नहीं पड़ा। हो सकता है कि सभी परिणाम अनुकूल न हो, लेकिन यही कारण है कि हम गुणोत्सव चाहते थे – खामियों की पहचान कर उसे दूर करना। एक अच्छी सरकार की निशानी समय पर कमियों को पहचानना और उन्हें दूर करने की दिशा में काम करना ही तो है। कोई भी अच्छी सरकार हमेशा एक छात्र की तरह प्रगति पर काम करती है, जो निरंतर गलतियों से सीखती है और अपने प्रदर्शनों की सूची में नया ज्ञान जोड़ने का प्रयास करती है।
गर्मियों के मौसम के शुरुआत के साथ ही असम का प्रकृति के साथ संघर्ष और तेज हो जाता है। मई महीने मे बाढ़ ने राज्य के कई हिस्सों में नुकसान पहुंचाया। भारी बारिश के प्रभाव से भू – स्खलन के कारण जनोमाल का व्यापक नुकसान हुआ। दीमा हसाओं की परिस्थिति ने हमे विशेष रूप से चिंतित किया किंतु में और मेरी सरकार जिले के लोगों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। इस दुखद परिस्थिति में जिला प्रशासन अभी भी चौबीसों घंटे काम कर रहीं है। मेरे मंत्री मंडल के सहयोगी, आपदाओं की चिंता किए बिना प्रभावित क्षेत्रों की जनता के बीच पहुंच हर संभव सहायता कर रहे है। इस संकटपूर्ण स्तिथि में केंद्र सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि आर्थिक सहायता की कोई कमी नहीं होगी। स्वयं केंद्रीय गृह मंत्री जी ने व्यक्तिगत रूप से टेलिफोन कर हर संभव सहायता का आश्वासन दिया था। कुछ सहृदय व्यक्तियों और व्यवसायिक संस्थानों ने भी हमारी तहे दिल से आर्थिक सहायता की। जब हमारे लोग खुद को बचाने के लिए प्रकृति से संघर्ष कर रहे हो तो कोई कैसे चैन से सो सकता है?
फिर भी मेरा मानना है की हफलोंग जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए हमे प्रकृति का आदर करना चाहिए। जलवायु परिवर्तन की भयावहता से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।
हाल ही में प्रसिद्ध बटद्रवा में एक पुलिस स्टेशन के जलने से मुझे बहुत दुख हुआ। इस तरह का विनाशकारी क्रोध लोकतंत्र के लिए बिल्कुल भी स्वस्थ नहीं है। में उन लोगों को चेतावनी देना चाहूंगा जिन्होंने इस तरह की असामाजिक गतिविधियों को अंजाम दिया है। जब से हमने पदभार संभाला है, हमारी सरकार ने कानून और व्यवस्था के क्षेत्र में बहुत सख्त रुख अपनाया है। और मुझे यह दोहराने मैं कोई भी हिचकिचाहट नहीं है की हम अपने समाज में शांति को भंग करने वाले किसी भी आंदोलन को बर्दाश्त नहीं करेंगे।