मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्व शर्मा ने 16 नवंबर को गुवाहाटी में असम मिलेट मिशन का शुभारंभ किया। मिशन राज्य भर में मोटे अनाज की खेती का विस्तार और वृद्धि करने के लिए अनिवार्य है। सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने इस दिन को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा, जिस दिन असम मिलेट मिशन की शुरुआत हुई है, उसका उद्देश्य पोषण भागफल और किसानों की आय को दोगुना करना है। मिशन फसल उत्पादकता भी बढ़ाएगा और फसल विविधीकरण में योगदान देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन की शुरुआत प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के अनुकूल की गई है। डॉ शर्मा ने कहा, मिलेट मिशन के लॉन्च के साथ, असम के किसान अपनी फसल पद्धतियों में विविधता ला सकते हैं और पारंपरिक फसलों के अलावा, वे मोटे अनाज उगाने के लिए अपनी खेती का विस्तार कर सकते हैं।
उन्होंने मिलेट मिशन शुरू करने की पहल करने के लिए कृषि विभाग को बधाई दी, जो शुरुआत में 25,000 हेक्टेयर फसली भूमि में ट्रायल करेगा। बाद में दोगुना करके 50,000 हेक्टेयर कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने मिलेट मिशन की शुरुआत करने के साथ ही इसी कार्यक्रम में बंगाईगांव, मोरीगांव, उदालगुड़ी, गोलाघाट, करीमगंज और दरंग में छह मृदा परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला और धेमाजी और तिताबोर में दो ज्ञान केंद्रों का भी वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया।
कार्यक्रम के साथ तालमेल बिठाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने 126 संयुक्त हारवेस्टर, 1000 मिनी ट्रक, 450 ग्राम स्तरीय कृषि मशीनरी बैंक, 12,000 सोलर पीवी पंप सेट, 8,500 पांच एचपी डीजल पंप सेट, 5,091 पावर टिलर, बीज 2 के वितरण की प्रक्रिया भी शुरू की। ,23,963 क्विंटल, 1,461 मल्टीपरपज पल्वराइजर।
डॉ. शर्मा ने किसानों से मिशन वसुंधरा 2.0 का लाभ उठाने और अपनी भूमि को पट्टा भूमि में बदलने का आग्रह किया। कृषि मंत्री अतुल बोरा ने इस अवसर पर अपने विभाग की योजनाओं की संक्षिप्त जानकारी दी।