मैंने कॉटन कॉलेज (वर्तमान में कॉटन यूनिवर्सिटी) में एक छात्रा के रूप में सात साल बिताने के बाद कभी नहीं सोचा था कि मैं अमेरिकी शिक्षा प्रणाली के भीतर शिक्षक की भूमिका में रहूंगी। मेरे अब तक के सभी शिक्षकों और उन सभी लोगों के प्रति मेरा आभार है जिन्होंने एक व्यक्ति के रूप में अपनी पूरी यात्रा में मुझे बहुत कुछ सिखाया है। जब मैं उन पुराने वक्त को याद करती हूं तो मुझे मेरे हाई स्कूल के शिक्षक से लेकर मेरे कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. सावित्री बरदलै की बातें दिवास्वप्न सी याद आती हैं। बरदलै मुझे फेजेरवारिया लिम्नोचारिस (असम में मेंढक की एक प्रजाति) पर शोध करने के लिए कहती हैं। इन सभी क्षणों ने मेरे जीवन को बदला और मैंने उनसे सीखा जिन्हें मेरी कद्र थी। मैं आजीवन एक विद्यार्थी हूं और एक मां, शिक्षक, शोधकर्ता और एक विचारक के रूप में अपने जीवन के हर पल से सीखती हूं।
कोविड महामारी ने 2022 और उसके आगे के भविष्य की नीतियों पर ध्यान केंद्रित करने का मार्ग प्रशस्त किया है। एक छात्र को सफल होने के लिए सिर्फ पाठ को याद कर लेना ही जीवन कौशल के लिए तैयार करने का एक व्यावहारिक तरीका नहीं है। उनके सीखने की प्रक्रिया को संपूर्ण बनाने के लिए दूसरे महत्वपूर्ण कौशल जैसे आलोचनात्मक विचार, समस्या समाधान, संचार, सूझबूझ आदि भी शिक्षा के अभिन्न अंग हैं। वैश्विक शिक्षा नीति 2030 तक संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 4 (यूएन एसजीडी4) को पूरा करने के लिए साक्षरता और संख्यात्मकता से परे दक्षताओं या ‘कौशल के विस्तार’ की जरूरत पर जोर देती है। यह अब दुनिया भर में राष्ट्रीय शिक्षा नीतियों में धीरे-धीरे परिलक्षित हो रहा है। 2030 में जारी होने वाली एसजीडी4 के लिए कॉर्पोरेट हैंडबुक के सह-लेखक के रूप में मैं इन कौशलों का प्रसार करने में महत्वपूर्ण कार्य में शामिल हूं। इन कौशलों का वर्णन ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन के सेंटर फॉर यूनिवर्सल एजुकेशन की एक परियोजना ‘स्किल्स ऑफ ए चेंजिंग वर्ल्ड‘[2] में है.
भारतीय और अमेरिकी प्रणाली दोनों में एक शिक्षक के तौर पर मिले अनुभवों से मुझे लगता है कि शिक्षकों के व्यावसायिक विकास और प्रत्येक शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करके छात्रों के जीवन कौशल को बढ़ाने पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए। चूंकि हमारे स्कूलों में असंख्य समस्याएं हैं, इसलिए सक्रियता से उन बदलावों की तलाश करना बहुत जरूरी है जो जमीनी स्तर पर लाए जा सकते हैं। शिक्षा प्रणाली से संबंधित समस्याएं जैसे बड़े पैमाने पर निरक्षरता, संसाधनों की बर्बादी, स्थानीय भाषाओं की उपेक्षा, महंगी उच्च शिक्षा, माता-पिता की सामाजिक-आर्थिक स्थिति आदि से उचित दृष्टिकोण के जरिए निपटा जा सकता है। अंत में सब कुछ शिक्षक और उनके जुनून पर आकर टिक जाता है। मैं व्यक्तिगत रूप से अपने काम के घंटों के अतिरिक्त अपने छात्रों के साथ बातचीत करते हुए एक हफ्ते में 30 से अधिक घंटे बिताती हूं। मैं उन्हें इस बात का अहसास दिलाती हूं कि मुझे उनकी परवाह है और वे कभी भी आकर मुझसे बात कर सकते हैं। इससे एक सुरक्षित वातावरण का निर्माण होता है। एक छात्र के लिए यह महसूस करना बहुत महत्वपूर्ण है कि स्कूल के वातावरण के बाहर की समस्याओं के बावजूद, वे जीवन कौशल सीख रहे हैं। यही जीवन कौशल उन्हें भविष्य में सफल होने में उनकी मदद करेगा।
यह देखते हुए कि प्रत्येक बच्चा खास है, हमारे स्कूलों को उस स्थान को बनाने के तरीके खोजने की जरूरत है जहां बच्चे को न सिर्फ एक अकादमिक पाठ्यक्रम मिले, बल्कि जीवन में अपने जुनून को खोजने का अवसर भी दिया जाए। उचित मार्गदर्शन के साथ बच्चे की अपेक्षाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और उचित प्रशिक्षण वाले शिक्षकों को बच्चे की विशिष्टता की पहचान करने के लिए सशक्त बनाया जाना चाहिए। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, कला और गणित (एसटीईएएम) सिर्फ किताबों में नहीं बल्कि उनके जीवन का हिस्सा होना चाहिए। आइए उन्हें सिखाएं कि कला कक्षाओं के लिए रंगों का मिश्रण वास्तव में विज्ञान है। क्रिकेट मैच में गेंद की स्पिन और गेंद का क्रिकेट के बल्ले से संपर्क भी विज्ञान है।
मासोर टेंगा और हमारे दैनिक व्यंजनों में इसके प्रति हमारी प्रतिक्रिया जीभ में रासायनिक संकेतों के संयोजन के अलावा और कुछ नहीं है। निश्चित रूप से, यह तथ्य कि हम सभी खारखुवा हैं सिर्फ इसलिए नहीं कि हम इसे प्यार करते हैं बल्कि मौसम की खास स्थिति के कारण भी हैं। और रहन सहन की ये परिस्थितियां भी विज्ञान है। आइए चीजों को एक अलग रोशनी में देखें और अपने पाठ्यक्रम को बस एक ग्रेड के लिए बाध्यकारी अध्ययन के रूप में न देखें, बल्कि इसे रचनात्मक शिक्षण प्रथाओं और शिक्षकों की नवीनता के माध्यम से एक साहसिक कार्य बनाएं। इनमें निवेश करें, ना कि सिर्फ इंजीनियरिंग या इंजीनियरिंग स्टार्टअप में!!! ये स्टार्टअप तभी मुमकिन होंगे जब छात्रों को उनके पाठ्यक्रम से परे सोचने का अवसर दिया जाएगा और मैं आपको विश्वास दिलाती हूं कि वे हमारी कल्पना से परे समृद्ध होंगे व उद्यमी बनेंगे और वास्तविक दुनिया की समस्याओं को एक अभिनव तरीके से हल करेंगे।
आइए अपने शिक्षकों में निवेश करें !!