कृष्ण किंगखोर नाथ काजीरंगा स्थित सेवेन सिस्टर्स टूर्स एंड ट्रैवल्स के मालिक हैं। कोविड के दौरान दो सालों तक तंगी की मार झेलने के बाद इस साल उनके लिए जीवन और व्यापार कुछ सामान्य हुआ। असम मंत्रिमंडल के पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के फैसले से उन्हें और उन जैसे पर्यटन उद्योग से जुड़े अन्य लोगों को एक बड़ी सौगात मिली है, जिसका उन्हें लंबे समय से इंतजार था।
इस घोषणा का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा, यह तो मानो सीधे स्वर्ग से मिली सौगात है। हमें लंबे समय से इसका इंतजार था। इस निर्णय से हमारा तथा पर्यटन में अपना कुछ खास करने की इच्छा रखने वालों का हौसला बढ़ेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इस नीति का लाभ उठाने के लिए वे नए-नए क्षेत्रों में निवेश करेंगे। मालूम हो कि गत 19 दिसंबर को, डॉ. हिमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की एक बैठक में पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने पर मंजूरी दी गई। इसके साथ ही इस क्षेत्र में पहले से निवेश कर चुके तथा इस क्षेत्र में जाने के इच्छुक लोगों के लिए असम में इस उद्योग में आगे बढ़ने तथा इससे मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठाने का मार्ग प्रशस्त हो गया।

इस फैसले को सभी हल्कों से सराहा जा रहा है। “आतंकवाद से पर्यटन” तक का रास्ता तय करने में असम को कठिन यात्रा करनी पड़ी। क्षेत्र के अग्रणी ट्रैवल एजेंसी कोयली टूर्स एंड ट्रैवल्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरिजित पुरकायस्थ ने इस कदम को ‘ऐतिहासिक’बताया। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के पर्यटन को आज के मुकाम तक पहुंचने के लिए कई चुनौतियों से गुजरना पड़ा है। उन्होंने कहा कि पुरातत्व पर्यटन राज्य में अगला एक बड़ा मसला था।
हालांकि नीति का विस्तृत ब्यौरा अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, फिर भी माना जा रहा है कि सरकार धरोहर होटल, मोटल, बजट होटल, गेस्ट हाउस, बंगला, कैंपिंग साइट, रेस्तरां/कैफेटेरिया, मनोरंजन पार्क, रोपवे, संग्रहालय, टूर ऑपरेटर सेवाएं, एडवेंचर पर्यटन और जल क्रीड़ाओं को अपनी प्रस्तावित नीति में शामिल करेगी। इन पहलों से जहां इस क्षेत्र में अधिक निवेश का द्वार खुलेगा वहीं उद्योगियों को निर्माण क्षेत्र में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ का उठाने का भी अवसर प्राप्त होगा।
19 दिसंबर को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुएअसम सरकार के पर्यटन मंत्री जयंत मल्ल बरुआ ने राज्य द्वारा देशी तथा विदेशी पर्यटकों के लिए प्रस्तावित सुविधाओं के बारे में बताया। उन्होनें कहा कि इस नीति के तहत यह क्षेत्र संपूर्ण जीडीपी में सर्वश्रेष्ठ योगदान कर पाएगा साथ ही इससे निजी निवेशों को भी लाभ होगा । उन्होंने पर्यटन की आधारभूत संरचना के माध्यम से निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्रों का योगदान और बढ़ाने की उम्मीद जताई।
असम पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष ऋतुपर्ण बरुआ ने असम वार्ता से बातचीत करते हुए कहा “असम में जल पर्यटन में बड़ा विकास होनेवाला है। इस क्षेत्र से जुड़े लोगों से मैं अपील करना चाहूंगा कि आगे आकर इस नीति का लाभ उठाएं।”
वहीं असम सरकार के पर्यटन विभाग के सचिव तथा एटीडीसी के एमडी कुमार पद्मपाणी बोरा ने हमारे संवाददाता को बताया “हमारा प्राथमिक लक्ष्य है पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाना। पर्यटन तथा उद्योग विभाग इसे एक निश्चित दिशा देने का काम करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में बाहर से आने वाले पर्यटकों की तादाद को देखते हुए इस क्षेत्र को और विकसित करने की आवश्यकता है और इसलिए यह नीति अपने ढांचागत विकास और सेवाओं पर ध्यान दे रही है ताकि असम में अधिक से अधिक पर्यटकों का आगमन हो सके। “इससे राज्य के सम्मान को बढ़ाते हुए एक तरह से मानो मौखिक प्रचार किया जा रहा है।”