असम की राजधानी गुवाहाटी से लगभग 78 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में नलबाड़ी जिले में निज बहजानी गांव है। यह राज्य का एक पारंपरिक ग्रामीण इलाका है, जिसमें ज्यादातर लोग खेतीबाड़ी या उससे जुड़ी हुई गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। यहीं पर जूनमोनी डेका (38) और अपने छोटे कर्जे की माफी की वजह से वर्षों की चिंता से मुक्ति पा गई हैं। असम सरकार की इस पहल की बदौलत वो अपने जीवन में एक नए उद्देश्य को महसूस कर रही हैं।
अपने गांव की अधिकांश महिलाओं की तरह, उन्होंने अपनी आजीविका के लिए एक सूक्ष्म वित्त संस्थान (एमएफआई) से ऋण लिया।
डेका कहती हैं कि “शुरुआत में मैंने समय पर किश्तें चुकाईं लेकिन मुझे सब्जियां बेचने के अपने व्यवसाय में नुकसान हुआ और कर्ज का बोझ बढ़ने लगा”, वह आगे बताती हैं कि
“मैं एमएफआई के प्रतिनिधियों के दबाव में थी। मैं तो उम्मीद खो चुकी थी लेकिन फिर सरकार मेरे बचाव में सामने आई।’
अब डेका को जिंदगी में आशा नजर आ रही है और वो सरकार की असम माइक्रो फाइनेंस इंसेंटिव एंड रिलीफ स्कीम (AMFIRS) 2021 के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को धन्यवाद देती नहीं थकतीं।
इस मामले या योजना का लाभ उठाने को लेकर अपने गांव या राज्य में जुनमोनी ही एकमात्र नाम नहीं है। एक अन्य लाभार्थी उसी गांव की दीप्ति रानी तालुकदार हैं। इस जिले में सैकड़ों महिलाएं दीप्ति और जुनमोनी और यहां तक कि सेवली दास डेका की तरह राहत महसूस कर रही हैं। जुनमोनी कहती हैं कि
“आज हम पर कर्जे का बोझ नहीं है। हमारे गांव में महिलाओं को योजना का लाभ मिला है। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने हमारे एमएफआई के कर्ज को माफ करने का वादा किया था। सत्ता संभालने के बाद, उन्होंने अपना वादा पूरा किया है।
डॉ सरमा के नेतृत्व में नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने राज्य के आवास और शहरी मामलों के मंत्री अशोक सिंघल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। इस समिति का गठन छोटे कर्जदारों का ऋण माफ करने के सत्तारूढ़ राजनीतिक गठबंधन के चुनावी वादे को पूरा करने के लिए गया था।
असम माइक्रो फाइनेंस इंसेटिव एंड रिलीफ स्कीम 2022 (AMFIRS ) की अवधारणा राज्य में कम आय वाले और गरीब परिवारों की आर्थिक गतिविधियों का समर्थन करने के लिए छोटे कर्जे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई थी। इसके अलावा योजना का उद्देश्य विभिन्न कारणों से आर्थिक तनाव से निपटने के लिए सुपात्र ग्राहकों को राहत प्रदान करना भी था। .
वित्त विभाग ने पिछले साल 24 अगस्त को AMFIRS, 2021 को लागू करने के लिए 38 MFI और बैंकों के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
मुख्यमंत्री द्वारा 28 नवंबर को सोनितपुर जिले में औपचारिक रूप से इसकी शुरुआत की गई। संयोग से, असम एकमात्र राज्य है जिसने माइक्रोक्रेडिट योजना के तहत महिला कर्जदारों को इस पैमाने की छूट प्रदान की है।
योजना के तहत, तीन अलग-अलग ऋणदाताओं से 1.25 लाख रुपये तक के ऋण के सभी कर्जदार योजना के तहत पात्र हैं। राज्य सरकार ने सूक्ष्म वित्त ऋण के लगभग 11 लाख शीघ्र भुगतान करने वाले श्रेणी -1 के हर कर्जदारों को प्रदान किए जाने वाले 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि रखी है। इसके लिए सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
श्रेणी 2 के तहत, जिन कर्जदारों के भुगतान में 89 दिनों की देरी है। उनकी देरी के लिए भुगतान सरकार करेगी। ऐसे सभी कर्जदारों को अच्छी क्रेडिट संस्कृति के लिए प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाएगा। करीब छह लाख ऐसे कर्जदार को इससे फायदा होगा।
श्रेणी 3 में ऐसे सभी कर्जदार आते हैं जिनकी रकम गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) बन गए हैं।
यह योजना 31 मार्च 2023 तक वैध रहेगी।