राज्य में चिकित्सा सुविधाओं को नवंबर में देश के एक प्रमुख कॉर्पोरेट समूह द्वारा सीएसआर पहल के अलावा सरकार द्वारा कई घोषणाओं के साथ महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला।
इनमें से पहला असम के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेज, डिब्रूगढ़ में असम मेडिकल कॉलेज में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए 300 करोड़ रुपये खर्च करने की सरकार की घोषणा थी। यहां मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने प्लेटिनम जुबली समारोह के दौरान 300 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की, ताकि यह नए युग की बीमारियों से निपटने के लिए खुद को एक अत्याधुनिक शोध संस्थान में बदलने में सक्षम हो सके। प्लेटिनम जुबली समारोह का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकांश आवंटन शिक्षकों के आवासों और छात्रों के छात्रावासों के सुधार और निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। अगले ही दिन, राज्य सरकार ने गुवाहाटी के दूसरे मेडिकल कॉलेज के शैक्षणिक ब्लॉक के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ब्राइट स्टार इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
असम सरकार के आयुक्त और सचिव (चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान) सिद्धार्थ सिंह और ब्राइट स्टार इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर और संस्थापक राधाकिशन दमानी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर को मुख्यमंत्री ने “ऐतिहासिक” करार दिया और कहा कि यह असम में चिकित्सा शिक्षा में एक नई शुरुआत करेगा। यह पहली बार है कि असम सरकार ने राज्य में एक मेडिकल कॉलेज के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए निजी क्षेत्र के साथ सहयोग किया है।
उन्होंने कहा कि गुवाहाटी के इस दूसरे मेडिकल कॉलेज में सालाना 100 एमबीबीएस छात्रों के लिए लड़कों और लड़कियों के लिए छात्रावास के साथ 1000 बिस्तरों वाले अस्पताल और शैक्षणिक ब्लॉक का प्रावधान होगा। ब्राइट स्टार ने अपने सीएसआर फंड से इस मेडिकल कॉलेज के शैक्षणिक ब्लॉक, यूजी और इंटर्न हॉस्टल के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 150 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार असम के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज की दृष्टि से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने नौ मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के अलावा 15 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए कदम उठाए हैं। 15 नए मेडिकल कॉलेजों में से सात मेडिकल कॉलेजों का निर्माण नलबाड़ी, नगांव, कोकराझार, तिनसुकिया, चराइदेव, बिश्वनाथ चरिआली में किया जा रहा है, जिसमें गुवाहाटी का एक कॉलेज भी शामिल है। उन्होंने कहा, हम इस महीने के दौरान गोलाघाट, बंगाईगांव, मोरीगांव, तमुलपुर और धेमाजी में पांच और मेडिकल कॉलेजों का निर्माण शुरू करने जा रहे हैं और शिवसागर, करीमगंज और ग्वालपाड़ा में प्रस्तावित तीन और मेडिकल कॉलेजों के लिए काम बहुत जल्द शुरू किया जाएगा। अगले पांच वर्षों में असम में कुल 24 मेडिकल कॉलेज होंगे, जिससे राज्य में डॉक्टरों और चिकित्सा देखभाल की उपलब्धता में काफी सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मेडिकल कॉलेजों में वृद्धि के साथ एमबीबीएस सीटों की संख्या भी 2014 में 726 से बढ़कर 2022 में 1200 हो गई है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री केशव महंत; इस अवसर पर दमानी फाउंडेशन के सीएसआर प्रमुख मधु चांडक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव अविनाश जोशी, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान आयुक्त एवं सचिव भी उपस्थित थे। 15 नवंबर को डॉ. शर्मा ने गौहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कई अतिरिक्त बुनियादी ढांचे का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के प्रमुख संस्थान को चिकित्सा अध्ययन और सेवाओं के लिए समर्पित एक विश्व स्तरीय केंद्र में बदलना था।
मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किए गए पांच नए भवनों में से विश्राम सदन नाम से 156 बिस्तरों वाला अतिथि गृह पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड से कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंडिंग के तहत 13.5 करोड़ की लागत से तैयार किया गया। यह जीएमसीएच में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के तिमारदारों( पुरुषों और महिलाओं) के लिए शयनगृह सुविधाओं के साथ उपलब्ध होगा।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने ऑयल इंडिया लिमिटेड के आंशिक वित्तीय सहयोग से 450 सीटों की क्षमता वाले अत्याधुनिक कॉलेज ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ये गठजोड़ सरकार को जीएमसीएच के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करेगा।