केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 30 नवंबर को गुवाहाटी की अपनी यात्रा के दौरान उत्पादक संघों, श्रमिक संघों और उपभोक्ता संघों के प्रतिनिधियों सहित असम के चाय उद्योग के हितधारकों से मुलाकात की। इस चर्चा के दौरान, हितधारकों ने चाय उद्योग को परेशान करने वाली कई चुनौतियों को प्रस्तुत किया।
असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने अपने संबोधन में चाय उद्योग को न केवल एक वाणिज्यिक गतिविधि बल्कि असम की जीवन रक्त बताया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से लगभग 40 लाख लोग सीधे जुड़े हुए हैं। उन्होंने राज्य की अर्थव्यवस्था पर उद्योग की समृद्धि के पर्याप्त प्रभाव पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने असम के चाय उद्योग के सामने आने वाली काफी चुनौतियों को स्वीकार किया और इन मुद्दों को हल करने के लिए एक सहयोगी, एकीकृत दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित किया। डॉ. शर्मा ने प्रधानमंत्री चाय श्रमिक योजना के माध्यम से केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, जिसने चाय श्रमिकों के कल्याण के लिए 1,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। इसमें असम को 400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिनका उपयोग राज्य के चाय श्रमिकों के स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार के लिए किया जाएगा।