कार्बीआंगलोंग में चल रही विकास की कहानी में एक नया अध्याय जोड़ते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने 168 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें तारालांगसो में 3,000 लोगों की बैठने की क्षमता वाला सेरटालिन ऑडिटोरियम है, जिसे 3,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है, जिनमें से 35 करोड़ की लागत से डिफू के कासा स्टेडियम में सरसिंग टेरोन लैंगकुंग हाबे बहुउद्देश्यीय खेल परिसर, डिफू में सारसिंग तेरोन लांगकुंग हाबे बहुउद्देश्यीय खेल परिसर में 75 करोड़ की लागत से, 6.86 करोड़ रुपये की लागत से तारालांगसो में रोंगबोंग अर्तु, कार्बी कैपिटल कॉम्प्लेक्स, डिफू के रोंगखेलन में एक नया बाजार परिसर जिसकी लागत लगभग रु. 10 करोड़, डिफू में डीएम रोड पर सॉन्ग बे इंटर-स्टेट बस टर्मिनल व अन्य की लागत 12 करोड़ रुपये।
डिफू में आयोजित एक सार्वजनिक बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने कहा कि कार्बी समाज ने हमेशा एक समृद्ध सामाजिक-सांस्कृतिक परंपरा और विश्वास की प्राचीन प्रणाली में दृढ़ विश्वास बनाए रखा है। डॉ. शर्मा ने कहा कि कार्बी की समृद्ध संस्कृतियां रोंगखांग क्षेत्र में उत्पन्न हुईं और यहीं से कार्बी ने बारह राजधानियां स्थापित कीं, जहां से उन्होंने कार्बी नियमों और अनुष्ठानों, परंपराओं और संस्कृति का अभ्यास किया।
डॉ. शर्मा ने कहा कि कार्बी समुदाय का इतिहास 3000 ईसा पूर्व का है और कार्बी समाज कबीले और पूर्वजों पर आधारित पारंपरिक विश्वास प्रणाली हांघारी आस्था के अभ्यास के माध्यम से आगे बढ़ रहा है। यह कहते हुए कि किसी समाज के लिए अपनी जड़ों से जुड़ा रहना बेहद महत्वपूर्ण है, डॉ. शर्मा ने कहा कि कोई भी समाज अपने पैतृक विश्वासों और प्रथाओं से नाता तोड़कर लंबे समय तक प्रगति नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह देखना कार्बी युवाओं का दायित्व है कि उनके समुदाय की पुश्तैनी आस्था समाज में अपनी प्रासंगिकता न खो दे।