दुलुमोनी बर्मन, सूरज उपाध्याय, और प्राणजीत बोरा असम कौशल विकास मिशन (एएसडीएम) और तकनीकी सेवा शिक्षा संस्थान (आईटीईएस), सिंगापुर की पहल के तहत पूर्वोत्तर कौशल केंद्र (एनईएससी) के सौजन्य से असम में गुणवत्तापूर्ण तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा प्रशिक्षण के ध्वजावाहक हैं।
निचले असम के बंगाईगांव की दुलुमोनी बहुआयामी प्रतिभा की धनी हैं। नाटक और नृत्य के प्रति उनके मन में हमेशा से एक अलग झुकाव रहा है। इसके साथ ही वह एक समर्पित सौंदर्य व सेहत पेशेवर हैं। पटना में लेमन ट्री ग्रुप ऑफ होटल्स के तहत फ्रेस्को स्पा में कार्यरत दुलुमोनी ने उनके कौशल के लिए काफी प्रशंसा हासिल की है। एनईएससी उनकी प्रतिभा को तराशने का भरपूर काम किया गया था। जिसमें उन्होंने गुवाहाटी के नोवोटेल होटल में ब्यूटी एंड वेलनेस में एक साल का कोर्स किया था, जो एनईएससी द्वारा प्रायोजित था।
उत्तरी असम के विश्वनाथ के सूरज दिल से एक जोशीले खिलाड़ी हैं, लेकिन उनके पास एक मृदुभाषी सेवा उद्योग पेशेवर की सभी विशेषताएं हैं। वह हिल्टन ग्रुप द्वारा संचालित डबलट्री, बैंगलोर में खाद्य और पेय (एफ एंड बी) विभाग में कार्यरत हैं।
दुलुमोनि, सूरज और प्रणजीत ने असम सरकार के कौशल, रोजगार और उद्यमिता विभाग को उद्यमिता के एक पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करने के अलावा देश के साथ-साथ विदेशों में भी सरकारी क्षेत्र से दूर, कौशल-आधारित रोजगार पैदा करने में एक महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद करने के लिए पर्याप्त कारण दिए हैं। असम कौशल विकास मिशन के प्रबंध निदेशक अंकुर जैन कहते हैं, हमारा राज्य कौशल विकास कार्यक्रमों पर जोर दे रहा है। आज यदि आप अपने लिए एक अच्छे करियर के बारे में सोचते हैं, तो उचित कौशल विकास प्रशिक्षण आवश्यक है।
उनका कहना है कि दरंग जिले के मंगलदै में स्थापित होने वाले कौशल विश्वविद्यालय से दुनिया भर में नौकरियों के लिए असम के युवाओं को कौशल प्रदान करने में एक क्रांतिकारी साबित होगा। उद्योगों को कुशल जनशक्ति की आवश्यकता है। हमारा विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में हजारों कुशल जनशक्ति पैदा करेगा।
उनका आत्मविश्वास संभवतः एनईएससी के छात्रों के दो बैचों से उपजा है, जिन्हें देश भर के विभिन्न उद्योग समूहों द्वारा नियुक्त किया गया है। वह चाहते हैं कि दुलुमोनी की तरह अन्य लड़कियां भी एनईएससी में शामिल हों। दुलुमोनी ने पटना से फोन पर कहा, एनईएससी में सीखने से मुझे बहुत मदद मिली। मैं विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का लाभ उठाने के लिए सुझाव देना चाहूंगी। इससे उन्हें नौकरी पाने में मदद मिलेगी।
एनईएससी की इस प्रारंभिक सफलता के श्रेय का एक हिस्सा सिंगापुर स्थित समूह आईटीईईएस को भी जाता है, जिसने 2017 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद लगभग पांच वर्षों तक केंद्र को संभाला था। इसके बाद एमडी ब्रूस पोह ने जुलाई में एएसडीसी के एमडी को औपचारिक रूप से इसे सौंप दिया। इस समारोह में सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री थरमन शनमुगरत्नम, असम सरकार में एसईईडी मंत्री जयंत मल्ल बरुआ, उद्योग और वाणिज्य मंत्री बिमल बोरा, भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वोंग और प्रधान सचिव, एसईईडी व श्रम विभाग बी कल्याण चक्रवर्ती मौजूद थे।
आटीईएस सिंगापुर में तकनीशियन या अर्ध-पेशेवर स्तर पर तकनीकी शिक्षा का प्रमुख प्रदाता है और राष्ट्रीय व्यावसायिक कौशल प्रमाणन और मानकों के लिए प्रमुख प्राधिकरण है। यह परिसर के डिजाइन और निर्माण कार्यों, सुविधाओं के डिजाइन, पाठ्यक्रम डिजाइन और विकास, प्रशिक्षकों, केंद्र प्रबंधन कर्मचारियों और पर्यवेक्षकों के प्रशिक्षण में एनईएससी को तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
एनईएससी चार श्रेणियों में ‘ब्यूटी एंड वेलनेस’, ‘रिटेल सर्विसेज’, ‘फूड एंड बेवरेज सर्विस’ और हॉस्पिटैलिटी ऑपरेशंस-कम-हाउसकीपिंग में विशेष कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करता है, जिसमें उत्तरी लखीमपुर के रहने वाले प्राणजीत ने खुद को प्रशिक्षित किया है। वह अपने पाठ्यक्रम के बाद एक अतिथि सेवा सहयोगी (जीएसए) के रूप में रैडिसन ब्लू-ग्वालियर में नियुक्त हुए और अब गुवाहाटी में उसी होटल श्रृंखला के साथ हैं। उन्होंने कहा, मैंने अपना कोर्स पूरा करने के लिए कोर्स फीस के रूप में 48,000 रुपये सहित लगभग 1.5 लाख रुपये खर्च किए। मेरा वेतन अब मेरे पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए खर्च किए गए वेतन से दोगुना है। हम भाग्यशाली हैं कि सरकार ने राज्य में एनईएससी जैसा संस्थान स्थापित किया है।