मानबेंद्र देब राॅय (एपीएस)
फरवरी 2025 में होने वाला एडवांटेज असम शिखर सम्मेलन दिसपुर में सत्ताधारी सरकार के पिछले साढ़े तीन सालों में सबसे प्रतीक्षित आयोजनों में से एक होगा। सरकार राज्य में विश्वास और सुरक्षा का माहौल बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और काफी हद तक सफल भी रही है। इस तरह के प्रयास का स्वाभाविक परिणाम निजी क्षेत्र के निवेश का बढ़ता प्रवाह है।
असम और इसकी कानून-व्यवस्था को लेकर नकारात्मकता अब अतीत की बात हो गई है। राज्य में निवेश करने के लिए अधिक से अधिक कंपनियों के आने के साथ, निश्चित रूप से, उस आकर्षक टाटा सेमीकंडक्टर परियोजना के नेतृत्व में, अब समय आ गया है कि हम राज्य में निवेशक-अनुकूल माहौल और नीतियों का लाभ उठाएं। शिखर सम्मेलन से न केवल निवेशकों के लिए असम की क्षमता को प्रदर्शित करने की उम्मीद है, बल्कि स्पष्ट रूप से उन क्षेत्रों की पहचान की गई है, जिन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित करने में सही हैं कि ध्यान उन क्षेत्रों पर रखा जाए जो महत्वपूर्ण हैं। राज्य सरकार असम में पहले शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों पर फिर से विचार करके भी अच्छा करेगी। समझौता ज्ञापन महज एक समझौता है, लेकिन जमीनी स्तर पर वास्तविक निवेश ही राज्य के लोगों को सामाजिक और आर्थिक लाभ पहुंचाएगा।