एक ऐतिहासिक उपलब्धि में, असम ने अपनी असाधारण वृक्षारोपण पहल, “अमृत वृक्ष आंदोलन” के लिए नौ प्रमाण पत्र और एक ही मंच पर बनाए गए सबसे अधिक रिकॉर्ड के लिए एक अतिरिक्त प्रमाण पत्र हासिल करके गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने 29 नवंबर को गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय सभागार में आयोजित एक समारोह में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक स्वप्निल डांगरीकर से ये प्रशंसा प्राप्त की।
मालूम हो कि अभिनव जनभागीदारी या लोगों की भागीदारी मॉडल के तहत क्रियान्वित “अमृत वृक्ष आंदोलन” ने एक ही दिन में, विशेष रूप से 17 सितंबर,2023 को राज्य भर में व्यावसायिक रूप से मूल्यवान वृक्ष प्रजातियों के 1,11,17,781 पौधे रोपने के साथ एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया। यह अभ्यास स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, शैक्षणिक संस्थानों, वीडीपी सहित पुलिस कर्मियों, चाय बागान श्रमिकों, सरकारी अधिकारियों और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से जनभागीदारी मॉडल पर किया गया था।
अमृत वृक्ष आंदोलन के दौरान नौ श्रेणियों में रिकॉर्ड बने। “पॉटेड पौधों की सबसे लंबी कतार” श्रेणी में, यह उपलब्धि कामरूप पूर्व वन प्रभाग द्वारा वेटरनरी कॉलेज फील्ड, खानापाड़, गुवाहाटी में हासिल की गई थी, जब 3,22,444 पॉली-पॉटेड पौधों की 22.22 किमी लंबी लाइन को सर्पिल रूप में व्यवस्थित किया गया था। यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की एक नई श्रेणी थी। सर्पिल रूप में व्यवस्थित पौधे ‘अगर’ और ‘महोगनी’ प्रजाति के थे।
इसके बाद “24 घंटे में एक स्थान पर सबसे बड़ी संख्या में पौधे वितरित किए गए” की उपलब्धि तब सामने आई जब वेटरनरी कॉलेज फील्ड, खानापाड़ा में सर्पिल रूप में लगाए गए पौधों को स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, जनता, अर्धसैनिक बलों, शैक्षणिक संस्थानों आदि को वितरित किया गया। प्रयास के दौरान कुल 3,22,444 पौधे वितरित किए गए और उत्तर प्रदेश वन विभाग द्वारा वर्ष 2018 में प्रयागराज में बनाए गए 76,825 पौधे वितरण के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
“24 घंटों में एक टीम द्वारा लगाए गए सर्वाधिक पेड़” का रिकॉर्ड तब बना जब उदालगुड़ी जिले के भैरव कुंड रिजर्व वन में 24 घंटों में 100 हेक्टेयर खराब वन भूमि पर 9,21,730 पौधे सफलतापूर्वक लगाए गए। इसने 2013 में थट्टा जिले के खरोचन में पाकिस्तान द्वारा बनाए गए 8,47,275 के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
चौथी श्रेणी “एक घंटे में एक टीम द्वारा लगाए गए सर्वाधिक पेड़” में एक रिकॉर्ड तब बना, जब 8,900 व्यक्तियों की एक टीम द्वारा एक घंटे में कुल 3,31,929 पौधे सफलतापूर्वक लगाए गए। “सबसे बड़े पॉटेड सीडलिंग मोजेक” का रिकॉर्ड तिनसुकिया जिले में डिगबोई वन प्रभाग द्वारा हासिल किया गया था, जब 8,563.01 वर्ग मीटर में पॉटेड पौधे मोजेक लगाए गए थे। असम के मानचित्र को दर्शाते हुए और मोजेक के केंद्र में गैंडे को दिखाते हुए बनाया गया था। यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में एक नई श्रेणी है। मोजेक बनाने के लिए उपयोग किए गए पौधों की संख्या 6,32,000 थी।
छठी श्रेणी में, शिवसागर जिले के गेलेकी में रिकॉर्ड बनाया गया, जब 1,229 छात्राओं ने केवल 58 सेकंड में एक साथ 1,229 अगर के पौधे लगाए। सातवीं श्रेणी में, रिकॉर्ड तब बना जब 11 सितंबर, 2023 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख, असम द्वारा पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता पर एक पाठ ऑनलाइन दिया गया था, जिसे ऑनलाइन पाठ के दौरान 70,490 लोगों ने देखा था और इसके बाद इसे 10 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा।
इसके माध्यम से असम की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आंदोलन शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकी के अनुरूप अर्थव्यवस्था राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। मुख्यमंत्री ने आंदोलन के जन-भागीदारी मॉडल की सराहना की (हरित अर्थव्यवस्था को अपनाने के लिए एक जन आंदोलन बनाने के लिए मिशन को ‘आंदोलन’ के रूप में तैयार किया गया था।) उन्होंने कहा कि पूरे आंदोलन को ऑनलाइन लेना ‘न्यू असम’ का एक प्रमाण है । डॉ. शर्मा ने अपने भाषण में कहा, नागरिकों और सरकारी पदाधिकारियों दोनों के सामूहिक प्रयासों ने असंभव को संभव में बदल दिया है।
मुख्यमंत्री ने असम और उसके लोगों की हरसंभव मदद करने में उदारता दिखाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया, जिससे राज्य को कई विश्व रिकॉर्ड बनाने में मदद मिली। डॉ. शर्मा ने घोषणा की कि वर्ष 2024 और 2025 में राज्य सरकार क्रमश: तीन करोड़ और पांच करोड़ पौधे लगाने का प्रयास करेगी