नए साल की शुरुआत असम के लिए सकारात्मक रही, जब तीन जनवरी, 2025 को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्य का दौरा किया और रेलवे, सड़क मार्ग और सूचना प्रौद्योगिकी में कनेक्टिविटी बढ़ाने के उद्देश्य से कई विकासात्मक पहलों की शुरुआत की।
दिन की शुरुआत केंद्रीय मंत्री ने तीन नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर की: गुवाहाटी-नई लखीमपुर जनशताब्दी एक्सप्रेस, नई बंगाईगांव-गुवाहाटी पैसेंजर ट्रेन और तिनसुकिया-नाहरलागुन एक्सप्रेस। उन्होंने क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में सुधार को चिह्नित करते हुए तेतेलिया रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) का भी उद्घाटन किया।
असम की कनेक्टिविटी को और मजबूत करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने आकाशवाणी कोकराझार में एक नया 10 किलोवाट एफएम ट्रांसमीटर समर्पित किया, जो स्थानीय लोगों को लाभान्वित करने वाला एक कदम है। इसके अलावा, उन्होंने राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य और मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा के साथ मिलकर डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट) का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस नए संस्थान का 12 स्थानों तक विस्तार है, जिसमें पूर्वोत्तर राज्यों में पांच स्थान शामिल हैं। कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी (एनआईईएलआईटी) और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया। केंद्रीय मंत्री ने जागीरोड में आगामी सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए निर्माणाधीन स्थल का भी दौरा किया, जहां उन्होंने परियोजना की प्रगति का जायजा लिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने जागीरोड में एक जलापूर्ति परियोजना के लिए भूमि पूजन किया। अपने संबोधन में, वैष्णव ने पूर्वोत्तर को भारत के लिए “विकास का नया इंजन” बताया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सामने डिजिटल इंडिया का शक्तिशाली रूप प्रस्तुत किया है, जिससे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और विनिर्माण के केंद्र के रूप में स्थापित हुआ है।”

कोकराझार में नए एफएम ट्रांसमीटर के बारे में उन्होंने स्थानीय लोगों के लिए इसके महत्व पर जोर देते हुए कहा, बोडो भाइयों और बहनों की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करते हुए, एफएम ट्रांसमीटर से कोकराझार और पड़ोसी जिलों के निवासियों को लाभ होगा। अब एफएम रेडियो आम जनता के लिए सुलभ हो जाएगा।”
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में, केंद्रीय मंत्री ने इस परियोजना के बारे में अपनी उत्सुकता साझा की: “असम भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा को गति दे रहा है, जिससे विश्व स्तरीय सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सपने को साकार किया जा रहा है। टाटा सेमीकंडक्टर प्लांट में प्रगति 2026 तक ‘मेड इन इंडिया, मेड इन असम’ चिप्स का उत्पादन करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। यह परियोजना पूर्वोत्तर को सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करती है।” मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने जागीरोड में नए एनआईईएलआईटी डीम्ड विश्वविद्यालय के बारे में आशा व्यक्त की, जो सेमीकंडक्टर, क्वांटम भौतिकी और एआई जैसे क्षेत्रों में ज्ञान को आगे बढ़ाने का केंद्र होगा। उन्होंने कहा, यह विश्वविद्यालय हमारे बच्चों को प्रौद्योगिकी के भविष्य के बारे में सिखाएगा, उन्हें बढ़ते सेमीकंडक्टर और तकनीकी क्षेत्रों में भूमिका निभाने के लिए सशक्त बनाएगा।” डॉ. शर्माी ने वैश्विक प्रभाव का एक दृष्टिकोण भी साझा करते हुए कहा, असम से अमेरिका तक, ‘मेड इन असम’ सेमीकंडक्टर चिप्स संयुक्त राज्य अमेरिका में कारों को शक्ति प्रदान करेंगे।”
इन परियोजनाओं के महत्व पर विचार करते हुए उन्होंने कहा, “डिजिटल क्रांति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने की आधारशिला है। जागीरोड में सेमीकंडक्टर परियोजना पूरी गति से आगे बढ़ रही है, जबकि एनआईईएलआईटी का निर्माण यह भी सुनिश्चित करता है कि हमारे युवा भविष्य के लिए मूल्यवान कौशल हासिल करें।” मुख्यमंत्री ने असम और देश को सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी और नवाचार में अग्रणी के रूप में स्थापित करने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया, जिससे स्थानीय और वैश्विक स्तर पर युवाओं के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध हों। असम के कैबिनेट मंत्री और जागीरोड के विधायक पीयूष हजारिका ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सेमीकंडक्टर प्लांट लगभग 29,000 युवाओं को रोजगार प्रदान करेगा, जो राज्य के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। “ एनआईईएलआईटी विश्वविद्यालय ने असम में तकनीकी शिक्षा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने की इसकी क्षमता का उल्लेख किया।”