अपने-अपने क्षेत्रों में नागरिकों के उत्कृष्ट और अनुकरणीय योगदान को मान्यता देते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदगी में असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में एक कार्यक्रम में 22 हस्तियों को राज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 2023 – असम वैभव, असम सौरभ और असम गौरव प्रदान किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा भी मौजूद थे। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने असम की सांस्कृतिक पच्चीकारी पर बात की, जिसने विभिन्न समुदायों के प्रभाव के साथ राज्य की विशिष्टता को जोड़ा है।
उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, असम को सर्वोच्च राज्य नागरिक पुरस्कार प्रदान करना केवल व्यक्तिगत उपलब्धि के जश्न से परे है। यह असम की समृद्ध टेपेस्ट्री और एक महान राष्ट्र की सांस्कृतिक विविधता, इसके लोगों और प्रगति में उनके अमूल्य योगदान का भी प्रतिबिंब है।
धनखड़ ने कहा कि असम, जिसे अक्सर ‘उत्तर पूर्व का प्रवेश द्वार’ कहा जाता है, मनमोहक परिदृश्यों और विविध संस्कृतियों की भूमि है और इसका इतिहास सदियों तक फैला हुआ है। उन्होंने कहा, इसके उपजाऊ मैदान, हरी-भरी पहाड़ियां और बहती नदियां, इसे महान राष्ट्र भारत के मुकुट का एक रत्न बनाती है।
उपराष्ट्रपति ने कामना की कि असम की भावना सभी को प्रेरित करती रहे और ये पुरस्कार आने वाली पीढ़ियों के लिए आशा और प्रोत्साहन की किरण के रूप में काम करेंगे।
उपराष्ट्रपति ने अपने भाषण के दौरान असम के मुख्यमंत्री की सराहना की। उन्होंने असम की प्रगति को राष्ट्रीय मंच पर रखा है और कहा केवल साहसी होना महत्वपूर्ण नहीं है। तर्कसंगत दृष्टिकोण, प्रतिबद्धता और कार्यान्वयन के साथ साहसी होना महत्वपूर्ण है। आपके मुख्यमंत्री इन गुणों को व्यक्त करते हैं। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि असम निश्चित रूप से देश का अग्रणी राज्य बनेगा। यह उस दिशा में अग्रसर है।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह प्रतिष्ठित हस्तियों को ये पुरस्कार प्रदान करने के लिए भारत के उपराष्ट्रपति और असम के राज्यपाल के साथ शामिल होकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सम्मान पाने वाली शख्सियतों को बधाई देते हुए कहा, असम को आपकी अनुकरणीय सेवाओं और उपलब्धियों पर गर्व है। आप चैंपियन हैं, चमकते रहो।
सितंबर, 2021 में कैबिनेट निर्णय के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा स्थापित पुरस्कार, कानून, कला और संस्कृति, खेल, सामाजिक सेवा, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, उद्यमिता, उद्योग कृषि, पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय व्यक्तित्वों की अनुकरणीय सेवा को मान्यता देने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक प्रतिष्ठित समिति द्वारा क्यूरेट किए गए और कैबिनेट द्वारा अनुमोदित, ये पुरस्कार उत्कृष्टता को सम्मानित करने के समर्पण के प्रमाण हैं। सम्मान पाने वालों को पदक, प्रशस्ति पत्र, मौद्रिक पुरस्कार और विशेषाधिकार दिए जाते हैं, जिसमें आवश्यक चिकित्सा देखभाल और गेस्ट हाउस, सर्किट हाउस आदि में आवास शामिल हैं।
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को असम बैभव पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि डॉ. किशन चंद नौरियाल, एल्विस अली हजारिका, हिमा दास और नादिराम देउरी को असम सौरभ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिन 17 व्यक्तियों को असम गौरव पुरस्कार दिया गया, वे हैं- रंजीत कुमार गोगोई, पार्वती बरुआ, देबजीत सांगमाई, द्रोण भुइयां, नीलम दत्ता, अनुपम डेका, सौम्यदीप दत्ता, बसंत चिरिंग फुकन, मनेंद्र डेका, मिनाक्षी चेतिया, पोखिला लेकथेपी, तेनजिंग बोडोसा, निर्मल डे, जीन कुम्बंग पाओ, मैरी हस्सा, उपेन्द्र राभा और राहुल गुप्ता।
Blurb_ “असम को सर्वोच्च राज्य नागरिक पुरस्कार प्रदान करना केवल व्यक्तिगत उपलब्धि के जश्न से परे है। यह असम की समृद्ध टेपेस्ट्री और एक महान राष्ट्र की सांस्कृतिक विविधता, इसके लोगों और प्रगति में उनके अमूल्य योगदान का भी प्रतिबिंब है।”- जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति, भारत