अअसम की विकास गाथा में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े समूहों का अध्याय जुड़ने वाला है। आने वाले वर्षों में ये समूह राज्य के विकास के लिए 92 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। शीर्ष उद्योगपतियों के साथ मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा की दो दिवसीय संवाद कार्यक्रम के सकारात्मक समापन में इसके संकेत मिले हैं। गुवाहाटी में आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में निजी व सार्वजनिक दोनों ही क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
निवेश में आमतौर पर आने वाली प्रमुख बाधाओं जैसे भूमि अधिग्रहण, कृषि भूमि को औद्योगिक भूमि में बदलने, निर्बाध बिजली की उपलब्धता, एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति, कनेक्टिविटी, और औद्योगिक भूमि के आसपास बुनियादी ढांचे आदि पर मुख्यमंत्री ने वार्ता के दौरान विस्तार से चर्चा की और इनका निराकरण करने की रणनीति बनाई।
जैसा कि मुख्यमंत्री ने खुद कहा था, यह स्वतंत्र और स्पष्ट चर्चा, मौजूदा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र की नब्ज की जांच करने और दूसरे दृष्टिकोण को जानने का एक तरीका थी। यह असम में नए निवेश और पूंजी विस्तार की सुविधा के लिए राज्य सरकार का एक अनौपचारिक तरीका था। मुख्यमंत्री के साथ इस वार्ता में उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी और प्रदेश के उद्योग मंत्री बिमल बोरा व खान एवं खदान मंत्री नंदिता गार्लोसा समेत राज्य सरकार के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। इस दौरान सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन करते हए अग्रणी उद्योगपति व भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के उत्तर पूर्वी परिषद के अध्यक्ष अभिजीत बरुआ ने मुख्यमंत्री के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने असम वार्ता से कहा, यह देखकर खुशी होती है कि मुख्यमंत्री ने निवेशकों और उद्योगपतियों के साथ दो दिनों तक बातचीत की और हमें आश्वासन दिया कि उद्योगों को प्रभावित करने वाली बाधाओं को दूर किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि आने वाले महीनों में इस काम को गति मिलेगी और फलस्वरूप राज्य में निवेश आएगा।
उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि राज्य सरकार के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह केंद्र से पूर्वोत्तर औद्योगिक निवेश नीति को एक नए अवतार में लाने के लिए कहे क्योंकि वर्तमान नीति अपना पूरा काम कर चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य में बिजली कंपनियां अब बेहतरीन काम कर रही हैं। परिणाम स्वरूप हम बिजली उत्पादकों के साथ बिजली खरीद समझौतों और अक्षय ऊर्जा समेत राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता पर ध्यान केंद्रित करने व औद्योगिक इकाइयों की बिजली आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार हैं। बैठक में उन्होंने कॉर्पोरेट दिग्गजों को बताया कि बिजली के वितरण में सुधार के
सुर्खियों में
पेट्रोलियम मंत्रालय ने एशिया की सबसे पुरानी डिगबोई रिफाइनरी की क्षमता
0.60 से 1.0 एमएमटीपीए बढ़ाने के लिए 740 करोड़ के निवेश को मंजूरी दे दी है। असम काफी समय से इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध कर रहा था।