राज्य में हरित ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने 14 जून को डिब्रूगढ़ में नामरूप थर्मल पावर स्टेशन के परिसर में 25 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना की आधारशिला रखी।
असम पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन और ऑयल इंडिया लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम के तहत यह परियोजना 108 एकड़ भूमि में फैली होगी और इसकी लागत 115 करोड़ रुपये होगी। 19 अगस्त, 2022 को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित सौर परियोजना से हर साल 50 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होने का अनुमान है और इसका निर्माण जुलाई 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
इस अवसर पर डॉ. शर्मा ने 2021 में पदभार संभालने के समय और अब राज्य में बिजली की मांग की तुलना की। उन्होंने कहा, 2021में 1,800 मेगावाट से राज्य भर में उद्योगों की बढ़ती संख्या और गैर-विद्युतीकृत गांवों के विद्युतीकरण के कारण यह बढ़कर 2,500 मेगावाट हो गया है। असम मात्र 419 मेगावाट बिजली का उत्पादन करता है जिसके परिणामस्वरूप लगभग 2100 मेगावाट बिजली की खरीद होती है।
उन्होंने कहा, नामरूप में सौर ऊर्जा परियोजना जैसी पहल से राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी और राज्य के बाहर से खरीदी जाने वाली बिजली में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में सात सौर ऊर्जा परियोजनाएं क्रियाशील हैं, जिनसे 175 मेगावाट बिजली उत्पादन होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का लक्ष्य 2030 तक लगभग 3,000 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करना है।