यदि आप लंदन के सुपरमार्केट में तेजपुर लीची देखते हैं, तो इसका श्रेय शोणितपुर जिले के किसानों और कृषि विभाग को दें। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने 12 जून को तेजपुर कन्वेंशन सेंटर में लंदन को निर्यात के लिए स्वदेशी भौगोलिक पहचान (जीआई) टैग की गई तेजपुर लीची की एक खेप को हरी झंडी दिखाई। 106 सदस्यों के साथ एक किसान उत्पादक संगठन अग्निगढ़ प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा कीगा एक्जिम्स के माध्यम से खेप का निर्यात किया गया था।
कीगा एक्जिम में असम कृषि विश्वविद्यालय, शोणितपुर जिला कृषि विभाग और एपीईडीए के सहयोग से नाबार्ड, असम कृषि व्यवसाय और ग्रामीण परिवर्तन परियोजना (एपीएआरटी), विश्वनाथ कृषि विश्वविद्यालय और तेजपुर विश्वविद्यालय व जिला प्राशसन का सहयोग है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, लीची के निर्यात से जिले के छोटे और सीमांत किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
असम के तेजपुर की लीची को एनईआरएएमएसी के माध्यम से 2013 में भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्राप्त हुआ। कृषि विभाग के सहायक निदेशक पंकज सैकिया ने असम वार्ता को बताया कि तेजपुर लीची अपनी उत्कृष्ट गुणवत्ता, स्वाद, रसदार गूदे और आकर्षक रंग के लिए जानी जाती है।उन्होंने कहा, यह एक व्यापक टर्म है जो राज्य के शोणितपुर जिले के तेजपुर शहर में और उसके आसपास उगाई जाने वाली लीची की पांच किस्मों को शामिल करता है। निर्यात की खेप में तेजपुर केंद्रीय विश्वविद्यालय के पास ना-पाम और परुवा क्षेत्र में उगाई गई लीची शामिल थी। तेजपुर लीची को दिए गए जीआई टैग का लाभ उठाकर किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
शोणितपुर जिले के एसडीओ (बागवानी) प्रांजल शर्मा ने कहा कि 19 मई, 2022 को उपायुक्त शोणितपुर की अध्यक्षता में हितधारकों की उपस्थिति में किसानों और संभावित लीची निर्यातकों के साथ एक क्रेता-विक्रेता बैठक हुई थी। यह वह बैठक थी, जिसकी परिणति लंदन को 650 किलोग्राम तेजपुर लीची (बॉम्बैया और शाही किस्मों) के निर्यात में हुई।
शर्मा ने असम वार्ता को बताया, हमने तेजपुर लीची की खेती के लिए शोणितपुर में तीन क्षेत्रों की पहचान की है: घोरमारी, भालुकपुंग और राक्षसमारी। हम लीची की खेती के लिए 200 बीघा जमीन जोड़ने की योजना बना रहे हैं। वर्तमान में, जिले में लगभग 250 तेजपुर लीची किसान हैं।