राज्य मंत्रिमंडल ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु वर्तमान 65 से बढ़ाकर 70 करने का निर्णय लिया है। असम में शैक्षिक और चिकित्सा सेवाओं के लिए अनुभवी डॉक्टरों की उपलब्धता में वृद्धि की कई लोगों ने सराहना की है।
गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. जयंत कुमार गोस्वामी ने असम की जमीनी हकीकत को देखते हुए इस फैसले को दूरदर्शी और ऐतिहासिक बताया है। डॉ. गोस्वामी ने असम वार्ता को बताया, हमारे पास देश में हर 10,000 व्यक्तियों पर एक डॉक्टर है। असम सरकार का नये कॉलेज स्थापित करने का निर्णय और सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने जैसे कदम दूरदर्शी और सकारात्मक हैं। इन डॉक्टरों का अनुभव अगली पीढ़ी का मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि आमतौर पर कई प्रोफेसर सेवानिवृत्ति के बाद निजी संस्थानों में पढ़ाते हैं। उन्होंने कहा, यह बेहतर होगा कि सरकार द्वारा संचालित संस्थानों में उसी अनुभव का उपयोग किया जाए।
कैबिनेट द्वारा लिए गए एक और महत्वपूर्ण निर्णय में चाय बागानों की योजना सहित मुफ्त दवाओं और अन्य सामग्री के लिए ₹136.8 करोड़ स्वीकृत किए जाएंगे। सरकार ने कहा है कि इससे सरकारी-स्वास्थ्य सुविधाओं में आवश्यक दवाओं, सर्जिकल टांके, कीटाणुनाशक, रसायन और अन्य सामग्री की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
कैबिनेट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, नगांव के नोनोई में एक चाय बागान अस्पताल के डॉक्टर डॉ जयंत कुमार दास ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत पर्याप्त आपूर्ति के बावजूद यदि कोई कमी रहती है तो इससे काफी मदद मिलेगी।