सोनापुर की चंद्रिका गारो ने हमेशा एक पक्के घर का सपना देखा था। वह इस सपने के साथ चार दशकों से अधिक समय से जी रही थी। हालांकि, 16 फरवरी को जब प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमएवाईजी) के तहत उनके साथ ही उनके जैसे राज्य के 3.8 लाख अन्य लाभार्थियों को पहली किस्त जारी की गई तो उन्हें लगा कि उनका सपना अब सच होने वाला है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास (पी एंड आरडी) विभाग के तत्वावधान में श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्वशर्मा की ओर से विभाग मंत्री रंजीत कुमार दास ने किया।
मोइराबारी के अधीर चंद्र दास, जो वहां एक पेट्रोल पंप स्टेशन के लिए काम करते हैं, इस योजना के एक अन्य लाभार्थी थे। उन्होंने असम वार्ता को बताया, पक्का घर मेरे परिवार के लिए राहत की बात होगी। मेरा घर इस समय जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। इसे लगातार मरम्मत की जरूरत है क्योंकि यह एक कच्चा घर है।
डॉ. शर्मा ने मंत्री द्वारा पढ़े गए अपने लिखित नोट में कहा कि उनकी सरकार पीएमएवाई (जी) आवंटन के तहत निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के रास्ते पर है। पीएंडआरडी मंत्री ने 2024 तक योजना के तहत सभी के लिए घर सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री के विजन की सराहना की। उन्होंने लाभार्थियों से उन्हें आवंटित फंड का सही तरीके से उपयोग करने का आह्वान किया।
मंत्री ने अपने भाषण में कहा, दिसपुर में डॉ. शर्मा के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से हम पिछले 20 महीनों में इस योजना के तहत 3.61 लाख घरों का निर्माण करने में सफल रहे हैं। इस वित्तीय वर्ष में योजनान्तर्गत 10 लाख आवासों के निर्माण के लिए धनराशि आवंटित की गई है। कार्यक्रम में लाभार्थियों को योजना के तहत पक्के मकान बनाने के तरीके बताने वाली एक पुस्तिका भी दी गई। लाभार्थी अपने घरों के निर्माण के दौरान मनरेगा योजना के तहत 95 दिनों की मजदूरी भी प्राप्त करेंगे। पीएमएवाई (जी) के तहत आवंटित 1.30 लाख रुपये के अलावा, वे मनरेगा योजना के तहत अपनी आय में 21,000 रुपये की और वृद्धि करेंगे।